उदयपुर। पेसिफिक विश्वविद्यालय के संघठक इकाई पेसिफिक सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में ह्नदयघात बचाव एवं उपचार विशयक एक दिवसीय विस्तार व्याख्यान का आयोजन पेसिफिक विश्वविद्यालय में संचालित वूमन डेवलपमेंट सेल के तत्वाधान में किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रजवलन से हुआ, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. कमलेष भट्ट (सीनियर फिजिषियन, इन्फेक्स्स डीसीज एण्ड़ क्रिटिकल केयर स्पेषलिस्ट, पीएमसीएच) थे। डॉ. भट्ट ने ह्नदयघात के संबंध में विस्तारपूर्वक अपने विचार रखते हुए वर्तमान में बदलती जीवन षैली एवं ह्नदयघात की बीमारी पर विचार व्यक्त किये। ह्नदयघात से बचाव हेतु प्रारंभिक स्तर पर किये जाने वाले विभिन्न उपायों से जानकारी दी। डॉ. भट्ट ने बताया की सीपीआर इमरजैंसी में इस्तेमाल की जाने वाली मेडिकल प्रक्रिया है। दिल का दौरा आने पर व्यक्ति को सिर्फ ढाई से तीन मिनिट के भीतर उसे तुरंत सीपीआर देना चाहिए। परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को सी.पी.आर करना आना चाहिए। संतुलित आहार, पर्याप्त नींद एवं नियमित व्यायाम आवष्यक है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. के. के. दवे, कुलपति, पेसिफिक युनिवरसिटी ने भी विचार रखे। अतिथियों का स्वागत प्रो. महिमा बिरला अध्यक्ष ने एवं स्वागत भाशण कला महाविद्यालय की अधिश्ठाता प्रो. सरला शर्मा ने दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों ने उत्सावपूर्वक भाग लिया और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता से ह्नदयघात के संबंध में महत्वपूर्ण प्रष्न पूछे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों से डॉ. गुनित मोंगा, डॉ. मीनाक्षी पांचाल, डॉ. प्रियंका चौधरी, डॉ. मनोज दाधीच, डॉ. ललित षर्मा, हेमेन्द्र खटीक आदि उपस्थित रहे, धन्यवाद डॉ.लीना शर्मा और संचालन लालिमा षर्मा ने किया।