उदयपुर। पेसिफिक कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय फाइन आर्ट्स कलाकार सम्मेलन में 11 देशों के विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। उनकी कलाकृतियों की एक प्रदर्शनी भी कॉलेज के सभागार में लगाई गई। इन कलाकारों ने पेसिफिक विश्वविद्यालय के सम्मान में आई लव पेसिफिक प्रतीक चिन्ह का निर्माण किया जिसका लोकार्पण पेसिफिक यूनिवर्सिटी के चेयर पर्सन राहुल अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, अमन अग्रवाल, श्लोका अग्रवाल, प्रो बीपी शर्मा तथा रजिस्ट्रार शरद कोठारी ने किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केके दवे ने बताया कि जापान, बांग्लादेश तथा इजरायल के प्रतिनिधि कलाकारों ने अपने-अपने विश्वविद्यालय की ओर से पेसिफिक विश्वविद्यालय के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए। एमओयू के तहत इन देशों के बीच में कला और संस्कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा साथ ही पेसिफिक विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इन विदेशी विश्वविद्यालयों में कला की बारीकियां समझने के लिए जाएंगे तथा विदेशी कलाकार भी पेसिफिक विश्वविद्यालय में भारतीय कला एवं साहित्य की जानकारी अर्जित करने के लिए आएंगे।
प्रो राजेश यादव ने बताया कि इस 7 दिवसीय महोत्सव में कलाकारों ने लाइव शो, कला कार्यशाला, फोटोग्राफी व संगीत की बारीकियों के बारें में विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस अवसर पर अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के कलाकार एंजेलिको जिक विलेनुआ (फिलिपिन्स), हमादी बेन नैया (ट्यूनिशिया), प्रोफेसर केलचिरा किमोरी (जापान), डॉ. गोपाल प्रसाद (जयपुर, भारत), प्रोफेसर वेकेंटपति (चैन्नई, भारत), प्रोफेसर क्लैमेन्स (साउथ कोरिया), प्रोफेसर हरून राशीद (बांग्लादेश), सुंदर यादव (नेपाल), केमिला गेमेज (श्रीलंका), चित्रसेन (उदयपुर, भारत) एवं प्रदीप जगदानन्द (मुंबई, भारत) मौजूद थे। इन ख्यातनाम कलाकारों द्वारा कला के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित किया गया।
सात दिवसीय सम्मेलन का समापन रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ जिसके अंतर्गत उड़ीसा के कृष्णेन्दु साहा ने शिव तांडव नृत्य की भावविभोर प्रस्तुति दी। सिंपल अठवाल के चरी नृत्य पर तो विदेशी कलाकारों ने भी जमकर ठुमके लगाए। विक्रम कनेरिया ने बांसुरी वादन के माध्यम से कृष्ण वंदना करते हुए सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं दूसरी ओर विलास और किरण जानवे ने अपने मूकाभिनय से सभी अतिथि कलाकारों और दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
प्रो. हेमंत कोठारी ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए प्रख्यात विदेशी तथा देशी कलाकारों से व्यक्तिगत रूप से कला से संबंधित बारीकियां समझने का यह एक स्वर्णिम अवसर था जिसका पूरा लाभ विद्यार्थियों ने उठाया तथा विश्वविद्यालय के इस भव्य आयोजन की सराहना की।