इस्कान मंदिर के 10 मील के दायरे में प्रतिदिन निःशुल्क प्रसादम वितरीत करेगा
उदयपुर। इन्टरनेशनल सोसायटी फार कृष्णा कान्शियसनेस द्वारा नाथद्वारा रोड़ स्थित मोहनपुरा चीरवा गांव में बनने वाले इस्कोन मंदिर श्रीश्री राधा गिरधारी उपवन का 22 जनवरी को शिलान्यास किया जायेगा। इस अवसर पर गोपालकृष्ण गोस्वामी महाराज एवं देवकीनंदन प्रभु महाराज मौजूद रहेंगे।
परियोजना निदेशक मदन गोविंदा दास ने बताया कि इस्कान एक वैश्विक संगठन है जो सनातन धर्म की रक्षा, प्रचार, समर्थन और उन्नति के लिए काम करता है और उसी प्रयास में, उदयपुर में एक बहुत ही अनूठा और प्रतिष्ठित सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र, इस्कॉन कोवे (वैदिक केंद्र और योग केंद्र) के साथ आ रहा है। एक बहुत ही प्रमुख और महत्वपूर्ण स्थान पर, मोहनपुरा, चिरवा में एक पहाड़ी के ऊपर, यह स्थान शांति और निकटता का आदर्श संगम बनेगा।
नाथद्वारा और एकलिंगजी के करीब स्थित यह परियोजना न केवल उदयपुर के निवासियों की सेवा करेगी बल्कि भारत और शेष विश्व के लोगों को भी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रेरणा प्रदान करेगी। यह परियोजना लोगों को भारत और विशेष रूप से राजस्थान की सबसे गौरवशाली पारंपरिक और आध्यात्मिक संस्कृति से और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया के सामने उजागर करेगी। यह विशेष रूप से नाथद्वारा और एकलिंगजी जैसे स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा देगा।
सतिन्दर महाजन ने बताया कि यह प्रतिष्ठित मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा और उदयपुर और राजस्थान को गौरवान्वित करेगा। राजस्थान के लोगों विशेष रूप से राजस्थान के बच्चों, कलाकारों और किसानों को वैश्विक दर्शकों के लिए पारंपरिक कला, शिल्प और जैविक कृषि तकनीकों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। इस परियोजना में आसपास के गांवों के ग्रामीण विकास की योजना भी है।
रवि बर्मन ने बताया कि इस्काॅन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद की इच्छा के अनुसार मंदिर के 10 मील के भीतर कोई भी भूखा न रहे इसके लिये मंदिर उदयपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दैनिक निःशुल्क प्रसादम वितरित करेगा और शहर से भूख मिटाने में अपनी भूमिका निभाएगा।
परियोजना का सबसे सुंदर और आश्चर्यजनक पहलू यह है कि यह एक सतत् परियोजना है। मंदिर का बिल्डिंग स्ट्रक्चर इको फ्रेंडली होगा। यह परियोजना चीरवा सुरंग के ठीक बाद एक पहाड़ी की चोटी पर सुंदर 3.5 एकड़ भूमि पर फैली होगी जिसमें आश्रम, श्री श्री राधा गिरिधारी मंदिर, युवाओं और कॉर्पोरेट पेशेवरों को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान देने के साथ बच्चों से वरिष्ठ नागरिकों तक सभी उम्र के लिए पूरी तरह से सुसज्जित सभागार के साथ वैदिक शिक्षा केंद्र, मेहमान घर, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, वृंदावन के द्वादश उद्यान, गोवर्धन परिक्रमा,यमुना रानी,यूथ हॉस्टल, गोविंदा का शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट, और भविष्य में गोशाला और बच्चों को कम उम्र से ही सशक्त बनाने के लिए एक पूर्ण विकसित गुरुकुल बनाने की भी योजना है।
राहुल बर्मन ने बताया कि इस परियोजना का नेतृत्व जीवन के सभी क्षेत्रों के बहुत ही विद्वान और अनुभवी लोगों की एक टीम के रूप में परियोजना निदेशक मदन गोविंदा दास,सलाहकार समिति के अध्यक्ष एवं व्यवसायी रवि बर्मन, सुतिंदर महाजन,रोटेरियन राकेश माहेश्वरी,रोटे. एवं प्रसिद्ध व्यवसायी प्रदीप गुप्ता सहित सलाहकार समिति के कई अन्य कार्यकारी सदस्य जो इस परियोजना को पूरा करने के लिए महान अनुभव और ज्ञान के साथ आते हैं।
प्रदीप गुप्ता ने बताया कि विश्व स्तर पर एक बहुत प्रसिद्ध वास्तुकार आर्किटेक्ट सुनील एस लढ़ा ने पूरी परियोजना को एक अद्भुत वृंदावन थीम के साथ डिजाइन किया है। इस परियोजना को 30 से 35 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट के साथ 4 साल के भीतर पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।
उदयपुर में इस्कॉन की शुरुआत 2015 में हुई थी और वर्तमान में गंगुकुंड स्थित श्री श्री जगन्नाथ मंदिर समाज के सभी वर्गों के लिए भगवद गीता और श्रीमद भागवतम के ज्ञान का प्रसार कर रहा है। मंदिर के महाप्रबंधक श्री मायापुरवासी मदन गोविंददास बड़े उत्साह और प्रेरणा के साथ मंदिर संचालन को अगले स्तर तक ले जाने के लिए इन मंदिर संचालनों का नेतृत्व कर रहे हैं।
शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता इस्कॉन ग्लोबल जीबीसी (शासी निकाय आयोग) जैसे इस्कॉन के महान नेताओं द्वारा की जाएगी जिसमें राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड के क्षेत्रीय सचिव परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज, राजस्थान के क्षेत्रीय सचिव देवकीनंदन दास, मेवाड़ क्षेत्र के जोनल पर्यवेक्षक परम पूज्य भक्ति प्रचार परिवाजका महाराज, इस्कॉन जयपुर के अध्यक्ष परम पूज्य भक्ति आश्रय वैष्णव स्वामी महाराज परम पूज्य पंचरत्न प्रभुजी और उदयपुर के कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे।
आमजन से आग्रह किया कि सभी 22 जनवरी को प्रातः 10 बजे शिलान्यास के इस धन्य और सबसे शुभ अवसर पर आएं और इतिहास का हिस्सा बनें।