समाजसेवी, कथक नृत्यांगना व 6 सोशल मीडिया इंफ्लुइसर का सम्मान
उदयपुर। सीटीएई सभागार में चल रहे मेवाड़ टॉक फेस्ट में सोमवार को “सुभाष के सपनों के पराक्रमी भारत“ में प्रो बीपी शर्मा व प्रो संगीता प्रणवेन्द्र ने विचार साझा किये। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वल्लन एवं गणेश वंदना से हुई। कार्यक्रम समन्वयक विकास छाजेड़ ने मेवाड़ टॉक फेस्ट का परिचय करवाया एवं आगामी कार्यक्रम की जानकारी दी। समाजसेवी बाबुलाल खटीक, कथक नृत्यांगना कनुप्रिया, 6 सोशल मीडिया इंफ्लुइसर का सम्मान किया गया।
प्रो. बीपी शर्मा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मेवाड़ के अक्षुण्ण योगदान का स्मरण करते हुए अपना उद्बोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष के प्रभाव में ही ब्रिटिश-भारतीय सशस्त्र बलों के भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों के विरुद्ध संग्राम छेड़ दिया था। इससे पूर्व 1928 में नेताजी ने ही सर्वप्रथम कांग्रेस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी। अंग्रेजों को चुनौती देते हुए नेताजी ने अखंड भारत की स्वाधीन सरकार का गठन किया। आजाद हिंद फौज व सुभाष के पराक्रम के चलते अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण की भांति प्रत्येक भारतीय पर सुभाष ऋण भी है। सुभाष के सपनों के भारत की बात की जाए तो उसमें राष्ट्र को आर्थिक, सामरिक, तकनीकी व सामाजिक रूप से संबल बनना होगा।आईआईएमसी की प्रोफेसर संगीता प्रणवेन्द्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि नेताजी सुभाष कुशल लेखक , पत्रकार एवं विवेचक थे। नेताजी का पत्रकारिता के प्रति रुचि एवं प्रेम भी दिखाई देता है। छद्म नाम से सुभाष फॉरवर्ड ब्लॉक में संपादकीय भी लिखते रहे। भारतीय युवाओं में आजादी की लौ प्रज्वलन करने में आजाद हिंद रेडियो की भी मुख्य भूमिका रही है। आजाद हिन्द रेडियो के विरुद्ध बीबीसी को ईस्टर्न सर्विस सेंटर शुरू करना पड़ा। इससे पूर्व नेता जी के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। इस सत्र का निर्देशन व संचालन पत्रकार अंजली वर्मा एवं नीतू राठौड द्वारा किया गया। डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन के बाद युवाओं ने समीक्षात्मक विचार रखें। युवाओं के विचार विशेष रूप से सुभाष की रहस्यमई मृत्यु के संबंध में थे। युवाओं ने अपने विचारों से विभिन्न भारतीय सरकारों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए।
तृतीय सत्र में भारत की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा चुनौतियां एवं रणनीति पर परिचर्चा हुई। बाह्य एवं आंतरिक सुरक्षा पर अभिनव पंड्या व आर्थिक एवं सामरिक हितों पर प्रो बीपी शर्मा ने मॉडरेटर प्रो संगीता प्रणवेन्द्र के सवालों के जवाब दिये। अभिनव पण्ड्या ने पाकिस्तान-चीन से मिल रही बाह्य चुनौतियों के साथ आंतरिक सुरक्षा को भी उतने ही महत्व का बताया। डेमोग्राफिक बदलाव से आंतरिक खतरा बढ़ा है। दूरस्थ सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़े शहरों की ओर पलायन हो रहा है, ऐसे में सीमा क्षेत्रों की पहचान में दिक्कत हो सकती है। हमें आर्थिक, राजनैतिक एवं सैन्य क्षेत्रों में मजबूती करनी है। सत्र का संचालन डॉ सतीश अग्रवाल द्वारा किया गया।फेस्ट में सैंकड़ो युवाओ ने उत्साह से भाग लिया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के साथ युवाओं में सेल्फी लेने की उत्सुकता दिखाई दी। नेताजी सुभाष के जीवन पर आधारित पुस्तकों का स्टाल लगाया गया, जहां युवाओ ने खुब रूचि दिखाई। विभिन्न सत्रों के दौरान डॉ.सतीश अग्रवाल, सुनील खटीक व सरोज कुमार ने नेताजी पर आधारित पुस्तकों का परिचय भी प्रस्तुत किया।अंतिम सत्र में फिश बॉऊल स्टोर्मिंग सत्र होगा, जिसमें प्रतिभागी युवा “2030 का भारत“ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र का निर्देशन प्रो बीपी शर्मा ने किया। समापन में देशभक्ति गीतो पर बैंड परफॉर्मेंस हुआ। इस सत्र का संचालन नरेश यादव व डॉ रोमा भंसाली द्वारा किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार आनन्द नरसिम्हन उदयपुर में विजिबिलिटी कम होने से विमान से नहीं उतर पाये इसके चलते वे एमटीएफ में भाग नहीं ले सके ओर श्रोताओं के लिए उन्होंने अपना वीडियो संदेश भेजा। रितम एप, जनजातीय महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित क्राफ्ट, ऑर्गेनिक फूड प्रोडक्ट्स और पुस्तक विक्रय के स्टॉल लगाये गये।