उदयपुर। सनातन नववर्ष पर गुरुवार को भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति, नगर निगम और शहर के सर्वे समाजों-संगठनों की साझे रूप से नगर निगम प्रांगण से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इसकी अगुवाई सनातन धर्मग्रंथ की झांकी और बग्गियों में विराजित संत-महंतों ने की।
शोभायात्रा में अश्वों पर कन्याएं सवार थीं जो आदि शक्ति का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। कलशयात्रा शहर के तीन स्थानों नगर निगम प्रांगण, भूपालपुरा मैदान और जगदीश चौक से निकली जिनका समागम देहलीगेट पर हुआ। यहां से शोभायात्रा और कलशयात्रा महाराणा भूपाल स्टेडियम पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। अतिथियों में बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री, कथा मर्मज्ञ पं. देवकीनंदन ठाकुर और बांसवाड़ा के उत्तम स्वामी महाराज के आशीर्वचन प्राप्त हुए। धर्मसभा में मेवाड़ अंचल के संतों का सान्निध्य भी मिला।
सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पचास से अधिक छात्र-छात्राओं ने मंच के आगे रंगोली बनाकर साज सज्जा की। शहर के चौराहे चेटक सर्कल, देहलीगेट और सूरजपोल आदि को भी भव्य रूप से सजाया गया। चेटक सर्कल पर महाराणा प्रताप सहित सभी प्रतीकों की झांकी लगाई गई। बड़ी संख्या में गांवों से भी लोग धर्मसभा में पहुंचे।