सौर विज्ञान पर हुआ विस्तृत व्याख्यान
उदयपुर। मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में गुरुवार को सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा विद्यार्थियों को सौर विज्ञान से जुडे़ विभिन्न क्षेत्रों में केरियर बनाने के टिप्स दिए।
सौर वैज्ञानिक डॉ. जगदेव सिंह ने इसरो द्वारा प्रायोजित आदित्य प्रोग्राम के विभिन्न पहलुओं, संभावनाओं व अवसरों के बारे में विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों के समक्ष विचार प्रस्तुत किये। इसरो के वैज्ञानिक डॉ. हसन ने इसरो की 1963 से अब तक की संपूर्ण यात्रा के विभिन्न सोपानों का विवरण देते हुए बताया कि आने वाले समय में आदित्य-1 व चंद्रयान-3 इसरो के प्रमुख मिशन होंगे। ये मिशन अतुलनीय संभावनाओं से ओतप्रोत हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य सूर्य की विशिष्ट वर्णपट्ट में हलचल, गतिविधियां, सौर मौसम की भविष्यवाणी तथा चंद्रमा के धरातल व वहां पाये जाने वाले खनिजों के बारे में परिशुद्धता व विस्तार से अध्ययन करना है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि आने वाले लगभग 10 साल में जो महत्वपूर्ण डाटा इसरो के विभिन्न केंद्रों पर अर्जित व संकलित किये जाएंगे उनके उपयोग से नवीन शोधकार्य किये जा सकते हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में शोधकार्य एवं उच्च अध्ययन की अनेक संभावनाओं को बताते हुए पीएचडी के लिए भौतिकी एवं अंतरिक्ष विज्ञान को चुन कर योगदान देने का आह्वान किया।
सेमिनार में सौर वैधशाला के डॉ. भुवन जोशी ने आने वाले समय में विद्यार्थियों के लिये अंतरिक्ष विज्ञान में होने वाली कार्यशालाओं व प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए इस क्षेत्र से जुड़ने का आह्वान किया। विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. सी.पी. जैन ने आने वाले समय में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। कार्यक्रम के आयोजक व संचालक प्रो. के. बी. जोशी ने विभाग में अध्य्यनरत विद्यार्थियों को नये अवसरों को ध्येय बनाने को प्रेरित किया। कार्यक्रम में विभाग के डॉ. दिनेश पाटीदार, डॉ. गुंजन अरोड़ा, लेखराज एवं भूविज्ञान विभाग के संकाय सदस्यों व शोधार्थियों ने भाग लिया। व्याख्यान के पश्चात संकाय सदस्यों से परिचर्चा में भविष्य में संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी निभाने के विभिन्न आयामों के बारे में विचार विमर्श किया गया।