विरासत में मिलते हैं संस्कार – रावत
उदयपुर। देवस्थान विभाग की ओर से रविवार को वैशाख माह की एकादशी पर उदयपुर शहर में आयोजित देवदर्शन पदयात्रा से वातावरण भक्तिमय हो गया। देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने यात्रा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा कर प्रतिबद्धता जताई। मंत्री ने उदयपुरवासियों से आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में विशिष्ट व पूजनीय है और हमें संस्कार विरासत में मिलते हैं इन्हें सहेजने की महती आवश्यकता है।
11 मंदिरों में देवदर्शन के साथ हुई पदयात्रा : गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से प्रारंभ होकर ये यात्रा जगत शिरोमणिजी मंदिर, जवान रूपेश्वरजी, जगन्नाथराय जी (जगदीश मंदिर), जवान सूरज बिहारीजी मंदिर, प्रताप नारायणजी, धनेश्वरजी, पांच महादेव, भीम परमेश्वरजी, उदयश्यामजी फिरंगी घाट होते हुए अमराई घाट स्थित सरदार स्वरूप श्यामजी मंदिर पहुंचकर आरती के साथ संपन्न हुई।
इन्होंने लिया पदयात्रा में भाग : वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेन्द्रसिंह शक्तावत, राज्यमंत्री जगदीशराज श्रीमाली, जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, देवस्थान आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम, पंकज कुमार शर्मा, विवेक कटारा, दिनेश श्रीमाली, अजय पोरवाल, गिरीश भारती, गोपाल नागर, इस्कॉन के प्रतिनिधियों सहित कई प्रबुद्धजन और आला अधिकारियों ने पदयात्रा की।
इस पदयात्रा के दौरान शहर के जगदीश चौक पर्यटन क्षेत्र में देश-विदेश से आए पर्यटक भी इस पदयात्रा में झूमते दिखाई दिए। सिटी पैलेस से गणगौर घाट के बीच की क्षेत्र रविवार की अल सुबह भक्तिरस में डूबा दिखाई दिया। इस्कॉन एवं हरे कृष्णा के प्रतिनिधियों ने सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से ढोलक एवं मंजीरों के साथ अन्य वाद्य यंत्रों की ताल पर हरे कृष्णा-हरे रामा का राग छेड़ा। यात्रा प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक ओल्ड सिटी की गलियों में हरे कृष्णा-हरे रामा का यह राग गंूजता रहा। सभी मंदिरों के बाहर एवं पदयात्रा मार्ग के दौरान पुष्पवर्षा की गई और पदयात्रियों का स्वागत किया गया। भक्तजनांें द्वारा मार्ग में पदयात्रियों के लिए जलपान, अल्पाहार, आइस्क्रीम आदि की व्यवस्था कर भागीदारी सुनिश्चित की।
समापन समारोह को किया संबोधित
देवदर्शन पदयात्रा के समापन दौरान अमराई घाट पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द के साथ अमन-चैन का वातावरण बना रहे, इसके लिए उन्होंने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। आप सभी उदयपुरवासी बड़े भाग्यशाली है और शहर में हर क्षेत्र में लगभग 10 मीटर की दूरी पर एक मंदिर होना यहां की लोक संस्कृति के परिचायक है। यह झीलों की नगरी के साथ-साथ मंदिरों की नगरी भी है।
5 साल के रुद्रादित्य ने बांधा समां : समापन कार्यक्रम के दौरान नाथद्वारा मंदिर मंडल के कीर्तनकार द्वारा विभिन्न रागों में भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान मंडल के 5 साल के कीर्तनकार रुद्रादित्य ने सुर और ताल के अनूठे संगम के बीच ‘‘मधुबन में राधिका नाचे रे…. की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को प्रभावित किया। मंत्री श्रीमती रावत ने रुद्रआदित्य को प्रोत्साहन स्वरूप नकद पुरुस्कार और आशीर्वाद दिया। उन्होंने वैशाखी एकादशी के साथ 16 अप्रेल को होने वाले पुलिस दिवस की भी बधाई दी।
संचालन देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने किया। आभार देवस्थान आयुक्त प्रजा केवलरमानी ने किया।