न्यूरो इंटरवेंशन विशेषज्ञ डॉ. वाजपेयी का कीर्तिमान
मरीज स्वस्थ होकर घर लौटा, ये तकनीक बचाएगी ऐसे अन्य गंभीर मरीजों की जान
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भीलों का बेदला के जाने माने न्यूरो इंटरवेंशन विशेषज्ञ डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। डॉ. वाजपेयी ने देश में पहली बार मस्तिष्क धमनी में कटिंगऐज इन्ट्रासेक्यूलर लेटेस डिवाइस का यूरोप से मंगवाकर जिंदगी और मौत से जूझ रहे उदयपुर में भर्ती एक मरीज के मस्तिष्क में स्थापित कर जानलेवा गुब्बारे को सफलतापूवर्क बंद कर दिया है।
चिकित्सा के क्षेत्र में इस तकनीक का प्रयोग देश के उन मरीजों के लिए वरदान साबित होगा, जिनके मस्तिष्क में गुब्बारों के फटने से मौत हो जाया करती है। डॉ.वाजपेयी बताते हैं कि पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साइंसेस में ब्रेन हेमरेज पीड़ित मरीज की धमनी में देश में यह पहला कटिंगऐज इन्ट्रासेक्यूलर लेटेस डिवाइस प्लेसमेंट है जिससे मस्तिष्क में गुब्बारों के फटने से किसी भी मरीज की जान नहीं जा सके। निंबाहेड़ा के टाई निवासी 62 वर्षीय शंकरलाल को मस्तिष्क में तेज दर्द, लकवा की शिकायत के चलते परिजन पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साइंसेस भीलों का बेदला लेकर आए, जहां मस्तिष्क एवं लकवा रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुलाभ वाजपेयी को दिखाया। डॉ. वाजपेयी ने मरीज के मस्तिष्क की एंजियोग्राफी करवाई, जिसमें सामने आया कि मरीज के मस्तिष्क में बहुत ही जटिल गुब्बारा (ऐन्यिरिज्म) मौजूद है।
मस्तिष्क में मिले इस जटिल गुब्बारे से मरीज की जान बचाने के लिए इसे फटने से रोकना ही एक मात्र उपाय था, जिसके लिए गुब्बारे को बंद करना था। गुब्बारे को बंद करने के लिए दुनिया में अभी सिर्फ यही तकनीक एक मात्र उपचार है। क्योंकि मरीज के मस्तिष्क में कोइलिंग, क्लिपिंग, स्टेंड असिस्टेंट कोईलिंग, फ्लो डाइवर्टर आदि से जटिल गुब्बारा बंद नहीं किया जा सकता है। डिवाइस के प्लेसमेंट के बाद मरीज शंकरलाल अब स्वस्थ होकर अपने घर चले गए हैं। डिवाइस के प्लेसमेंट एवं मरीज के सफल उपचार में डॉ.वाजपेयी के सहयोगी डॉ.नरेन्द्रमल,डॉ.रमाकांत,चिंतन,पप्पू घाकड़ एवं राघवेन्द्र राजावत का योगदान रहा।
इस डिवाइस को डीजीसीआई से अनुमति लेकर ऐसे भारत में मंगवाया है: मस्तिष्क एवं लकवा रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि इस तरह के एन्यूरिज्म से सम्बन्धित केसेज का यूरोप एवं यूएसए में इस तकनीक से इलाज शुरू किया गया है। जब यूरोप और यूएसए के चिकित्सकों से संपर्क किया तो उन्होंने इसके सकारात्मक परिणामों की जानकारी दी। यूरोप-यूएसए के चिकित्सकों को कहना है कि कटिंगऐज इन्ट्रासेक्यूलर लेटेस डिवाइस के प्लेंसमेंट से मरीज के मस्तिष्क में पैदा हुए गुब्बारे को बंद करने के बाद मरीज स्वस्थ हुए हैं। इसके बाद यूरोप से इस डिवाइस को डीजीसीआई से अनुमति लेकर उदयपुर मंगवाया गया, क्योंकि भारत में भी अभी तक यह डिवाइस उपलब्ध नहीं हैं।
पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल का कहना है कि उदयपुर में इस तरह के जटिल केसेज के लिए पीएमसीएच में बेहतरीन इन्फ्रास्क्ट्रचर, हाईटेक कैथलेब और उच्चस्तरीय चिकित्सकों की टीम के लगातार चिकित्सा के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही है। दक्षिण राजस्थान में पहली बार न्यूरो इंटरवेशन की शुरूआत भी डॉ. वाजपेयी के नेतृत्व में इसी पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में की गई, जिसकी बदौलत हर साल हजारों मरीजों की जान बचाई जा रही है।