पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा पैनल डिस्कशन का आयोजन
पेसिफिक स्कूल ऑफ लॉ, पेसिफिक विश्वविद्यालय एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में बाल संरक्षण एवं बाल अधिकारों–मुद्दे एवं चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन आबू धाबी, यूएई, सिंगापुर, मलेशिया आदि विभिन्न देशों से आए शोधार्थियों द्वारा 84 से अधिक शोधपत्र पढ़े गए। उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि सेंट्रल यूनिवर्सिटी पंजाब के डा राजकुमार यादव ने संबंधित विषय पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन ‘यौन अपराधों से बालकों की सुरक्षा’ संबंधित विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायाधीश रामचंद्र सिंह झाला, सदस्य राज्य मानवाधिकार आयोग ने बताया की बालकों के विरुद्ध यौन अपराधों में वृद्धि हुई है तथा जिस पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय भी दिए गए। साथ ही इस विषय के सामाजिक पक्ष पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर बीपी शर्मा ग्रुप प्रेसिडेंट पेसिफिक ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज रहे। उन्होंने भारतीय संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आज के परिपेक्ष में बालकों में संस्कार निर्माण की प्रक्रिया को समझाया। श्री राहुल अग्रवाल व श्री शरद कोठारी ने सन्देश कर शुभकामनाएँ प्रेषित की। अध्यक्षता प्रोफेसर के के दवे, प्रेसिडेंट पाहेर यूनिवर्सिटी ने की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महेंद्र कुमार दवे जज कमर्शियल कोर्ट ने बच्चों को समाज का उपेक्षित वर्ग बताते हुए उनके लिए विशेष कानून बनाने का सुझाव दिया। पैनल डिस्कशन को डॉ राजश्री चौधरी डीन मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज द्वारा चेयर किया गया । कार्यक्रम में पैनल विशेषज्ञ के तौर पर भूपेंद्र कुमार स्पेशल जज पोक्सो, अश्विनी कुमार स्पेशल जज पोक्सो, कुलदीप शर्मा सेक्रेटरी प्रवीण कुमार मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट, संजय मालवीय प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट JJB, डॉ आर एल सुमन मेडिकल सुपरिंटेंडेंट MB हॉस्पिटल, चेतन भाटी डीवाईएसपी, हेरम्ब जोशी डीवाईएसपी, पूनमचंद सोलंकी एडवोकेट राजस्थान हाई कोर्ट, दिव्या राज सिंह झाला अभियोजन अधिकारी, प्रमोद गुप्ता सहायक निदेशक एफएसएल आदि ने बालको से संबंधित अपराधों, कानूनों, अधिकारों तथा समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। बच्चों की सुरक्षा से सम्बघित गंभीर मुद्दों पर चर्चा कर उचित सुझाव सुझाए गये। चर्चा के दौरान बालकों के विरूद्व रिश्तेदारों द्वारा होने वाले यौन शोषण को एक ज्वलन्त सामाजिक समस्या माना। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरेंद्र सिंह भाटी द्वारा किया गया । कॉन्फ्रेंस कमेटी के सदस्य डॉ सुभाष शर्मा, डॉ पुष्पा मेहडु, डॉ रत्ना सिसोदिया, डॉ बिंदु लोढा, डॉ श्वेता औदिच्य, डॉ पूजा सिसोदिया, राम चन्द्र पालीवाल आदि ने अपना योगदान दिया।