उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा 30 अगस्त को सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में मरूधर केसरी मिश्रीमल मसा एवं रूपमुनि रजत महाराज की जन्म जयन्ती का आयोजन किया जायेगा। जिसमें देश भर से 700 श्रावकों के भाग लेने की सभावना है।
मुख्य अतिथि असम के महामहिम राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया होंगे जबकि विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया होंगे। कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति प्रसिद्ध फिल्मकार के सी बोकाड़िया की रहेगी। अध्यक्षता चेन्नई के आनंदमल छल्लानी करेंगे। समारोह रत्न मोहनलाल गड़वानी होंगे।
मंत्री रोशन लाल जैन ने बताया कि इस संबंध में सुकुन मुनि जी महाराज के सानिध्य में चल रहे सात दिवसीय आयोजनों के अंतिम दिन 30 अगस्त को मरुधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज एवं रूप मुनि रजत महाराज के जन्म जयंती पर उनकी गुणानुवाद सभा आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को सह जोड़े लोगस्स जाप एवं भक्ति संध्या के आयोजन होंगे जबकि कार्यक्रम के अंतिम दिन मुख्य समारोह होगा जिसमें सामूहिक तेला तथा गुरुजनों का गुणानुवाद होगा। आज 28 अगस्त को सह जोड़े नमोत्थुनम जाप के आयोजन हुए।
इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रथम दिन 24 अगस्त को उपवास एवं अन्नदान का आयोजन हुआ,25 अगस्त को विशाल रक्तदान, शिविर 26 अगस्त को तेला एवं मेडिकल कैंप, 27 अगस्त को सामूहिक पारणा एवं नवकार जाप हुआ।
इस अवसर पर सुकुन मुनि जी महाराज ने लोकमान्य संत शेरे राजस्थान अहिंसा दिवाकर रूपचंद महाराज रजत एवं श्रमण सूर्य दिव्य विभूति भारत भूषण श्रमण संघीय गुरुदेव मरुधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज साहब का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया।
सुकनमुनि ने कहा कि रूपचंद महाराज का जन्म विक्रम संवत 1986 श्रावण सुद दशम दिनांक 14 अगस्त 1929 बुधवार को नाडोल जिला पाली में हुआ। भारत के प्रमुख संघ और संस्थान द्वारा आपके जनकल्याण हेतु किए गए कार्य के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, अहिंसा दिवाकर प्रज्ञा पुरुषोत्तम, धर्म दिवाकर, राष्ट्र संत एवं दायित्व पूर्ण प्रवर्तक आदि पद पर विभिन्न अलंकरणों से सुशोभित किया। उन्होंने गद्य पद के रूप में 3000 से अधिक सृष्टि ग्रंथ की सर्जन की जिसमें मारवाड़ी भाषा को खास महत्व दिया। उनकी प्रेरणा से 170 से अधिक संस्थान गतिमान है जहां एक लाख से ज्यादा गायों का पालन पोषण होता है।
मिश्रीमल महाराज साहब का जीवन परिचय देते हुए महाराज ने कहा कि आपका जन्म विक्रम संवत 1948 श्रावण सूत्द 14 मंगलवार दिनांक 18 अगस्त 1891 में हुआ। महाराज ने बताया कि देश की स्वतंत्रता में आपका विशेष योगदान रहा है। देश के स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी जी से ब्यावर में, नेहरू जी से सोजत रोड में व सरदार वल्लभभाई पटेल से मिलना व परामर्श के साथ स्वतंत्रता सेनानियों में जय नारायण व्यास दामोदर व्यास मथुरा दास माथुर आदि को संरक्षण देना और स्वतंत्रता के लिए उनको प्रोत्साहन देना रहा है।
विक्रम संवत 2048 वर्ष 1991 जैन संतों में प्रथम बार आपश्री का केंद्र सरकार द्वारा डाक टिकट जन्म शताब्दी पर पाली में जारी किया गया। आपका देवलोक गमन पोष सुदी चौदस विक्रम संवत 2040 मंगलवार दिनांक 17 जनवरी 1984 को शाम 4रू30 बजे संतरा सहित जैतारण में स्वर्ग प्रयाण हुआ।
संघ के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश नागौरी ने बताया कि मंगलवार शाम भक्ति संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रसिद्ध गायक इंदौर के लवेश बुरड़ एवं उनकी टीम भाग लेंगी। महोत्सव का समापन बुधवार को होगा।