उदयपुर। वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली एवं विज्ञान संकाय, पेसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह के अवसर पर कोटा विश्वविद्यालय, कोटा से प्रो. नीलू चौहान ने जल से हाइड्रोजन का उत्पादन करने में प्रकाश उत्प्रेरकों के उपयोग पर आमंत्रित व्याख्यान दिया।
उन्होनें बताया कि वैकल्पिक हरित ईंधन के रूप में हाइड्रोजन पूर्णतः सक्षम है। डॉ संगीता अग्रवाल ने हिन्दी शब्दावली का महत्व एवं उपयोगिता को बताया। श्रीमती बिनोदिनी देवी ने आयोग द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवायी। प्रो. दीपक शर्मा ने शोध पत्र लेखन में प्रयुक्त होने वाली वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली का महत्व बताया। प्रो. रक्षित आमेटा ने सममिति तत्व एवं क्रियाओं के बारे में व्याख्यान दिया। प्रो. सीमा कोठारी ने हरित रसायन का संश्लेषण व महत्व बताया। इस संगोष्ठी में कुछ प्रतिभागियों ने रसायन विज्ञान के विभिन्न विषयों पर हिन्दी में प्रस्तुति दी, तथा अपने अनुभव साझा किए। आशा है कि शिक्षक रूचि लेकर हिन्दी भाषा में विज्ञान विषयों का पठन-पाठन-लेखन कर ग्रामीण विद्याथियों तक विज्ञान विषयों मेें उनकी रूचि बढ़ाने में सफल होगा।