ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एस्पायर 23 में बताया, मेल इन्फर्टीलिटी के इलाज में मिलेगी मदद, बढेगी आईवीएफ की सफलता की दर
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के आईवीएफ विभाग की साइन्टिफिक डॉयरेक्टर डॉ. मनीषा वाजपेयी ने एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया में “एशिया पेसिफिक इनिशिएटिव ऑन रिप्रोडक्शन एस्पायर 23“ में सेमिनल माइक्रोबायोम का आकलन और आने वाली पीढ़ी पर वीर्य मापदंडों पर इसके (सेमिनल माइक्रोबायोम ) प्रभाव पर पीएमसीएच में किए रिचर्स को प्रजेन्ट किया।
डॉ. मनीषा वाजपेयी ने बताया कि मेल इन्फर्टीलिटी पचास फीसदी लोगों में पुरुष निःसन्तानता का कारण होती है। सेमिनल माइक्रोबायोम यानि पुरुषों के सीमन में जो संक्रमण होता है वो नार्मल सामान्य तरीके से पता नहीं चल पाता है जिसका निःसन्तानता के कारणों में बहुत ही महत्वपूर्ण रोल होता है।
डॉ. वाजपेयी ने स्पष्ट किया कि इस तरह के रिसर्च कार्य अभी हमारे देश पहली बार ही हो रहा है एवं विदेशों में अभी शुरुआती चरण में ही है। आने वाले समय में पेसिफिक आईवीएफ की इस रिसर्च से मेल इन्फर्टीलिटी के इलाज में बहुत मदद मिलेगी,साथ ही हम आईवीएफ की सफलता की दर बड़ा पाएंगे एवं कुछ नए तरीके से आईवीएफ का इलाज भी कर पाएगें। ये रिसर्च पीएमसीएच आईवीएफ की ओर से शुरू की गई।
यह रिसर्च निःसन्तानता के इलाज नए आयाम जोडेगा। इस रिसर्च को विश्वभर से इस कॉन्फेस में आए भाग ले रहे विशेषज्ञों ने सराहा।
इन्टरनेशनल कॉन्फेस मे भ्रूणविज्ञान पर बाइबिल के लेखक डेविड गार्डनर,स्वी लियो,जेम्स कैट,अत्सुशी तंस्का, क्लेयर बूथरॉयड,प्रोफेसर मोरीमेटो जैसे दिग्गजों सहित विश्वभर से सैकडों आईवीएफ विशेषज्ञों ने शिरकत की।