पेसिफिक यूनिवर्सिटी में सेबी और एम्फी के अधिकारियों द्वारा निवेशक चेतना कार्यक्रम
पेसिफिक यूनिवर्सिटी, रोटरी क्लब युवा उदयपुर तथा म्युचुअल फंड एसोसिएशन इन इंडिया (एम्फी) की ओर से निवेशकों में जागरुकता लाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत म्युचुअल फंड में निवेश के माध्यम से समृद्धि अर्जित करने का तरीका बताया गया।
मुख्य अतिथि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज कुमार ने निवेश से पहले विद्यार्थियों को सेबी व अन्य नियामक संस्थाओं की वेबसाइट पर संबंधित नियमों की जानकारी प्राप्त करने की अपील की। उन्होने विद्यार्थियों को सरल शब्दों में स्टॉक मार्केट तथा म्युचुअल फंड में निवेश के विविध पहलुओं की अंतर सहित व्याख्या की।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया के सीईओ एन.एस. वेंकटेश ने बताया कि म्यूचुअल फंड एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा रिस्क को न्यूनतम करते हुए निवेश को इस प्रकार किया जा सकता है कि वह बढ़ती हुई महंगाई दर से अधिक रिटर्न दे सके, बस आवश्यकता इस बात की रहती है कि लंबे समय तक निवेश किया जावे।
एम्फी के सीनियर कंसल्टेंट तथा पूर्व डीजीएम सूर्यकांत शर्मा ने विद्यार्थियों को छोटी-छोटी एस.आई.पी. आरंभ करने का महत्व बताया। यदि 500 रुपये प्रति माह की एसआईपी, 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ाते हुए की जावें तो निवेशक को 40 वर्ष होने पर यह राशि पौने दो करोड़ रुपए हो जाएगी। उन्होनें विविध उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए म्युचुअल फंड का आवश्यकता अनुसार चयन समझाया।
सेबी की ओर से प्रणय अग्रवाल और हितेश अग्रवाल ने म्युचुअल फंड में निवेश की अवधि एवं टैक्स से संबंधित जानकारी दी और बताया कि एक लाख तक की आय जो कि इक्विटी म्युचुअल फंड के माध्यम से एक वर्ष की अवधि से ऊपर के निवेश पर की जाती है वह टैक्स फ्री रहती है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनुराग मेहता ने बताया कि कमाई के साथ-साथ बचत और सही निवेश बहुत ही आवश्यक है जो की आरंभ से ही यदि किया जावे तो बड़ा फंड बनते देर नहीं लगती। विद्यार्थियों को निवेश से संबंधित सटीक, प्रमाणिक और संतुलित जानकारी अर्जित हो इसी उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट प्रो. के.के. दवे ने सुझाव दिया कि व्यक्ति को अपनी आय का बीस प्रतिशत बचत करना ही चाहिए एवं उसे किसी ऐसी जगह निवेश करना चाहिए जो की सुरक्षित एवं बेहतर रिटर्न देने वाली हो। इसके लिए सीधे शेयर बाजार में निवेश उसी परिस्थिति में किया जा सकता है जबकि पर्याप्त समय बाजार की गतिविधि को देखने के लिए हो और इसकी पर्याप्त समझ हो। यदि ऐसा नहीं है तो म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेश करना अधिक उपयुक्त रहता है।
रोटरी क्लब युवा उदयपुर की प्रेसिडेंट संगीता शर्मा के अनुसार इस प्रकार के आयोजन आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने में सहायक है। उन्होनें युवाओं से निवेश व उद्यमिता में रुचि लेने का आग्रह किया। संचालन डॉ. मेहंदी शर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया गया एवं उनके विविध प्रश्नों के उत्तर सेबी एवं एम्फी के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए।