रोमंाटिक, कावड़ कला, रसीली, धार्मिक व चिंतनशील कहंानियंो ने दर्शकों के मन पर छोड़ी गहरी छाप
संसार के पहले स्टोरी टेलर भगवान शिव थे
उदयपुर। उदयपुर टेल्स द्वारा बड़ी-शिल्पग्राम रोड़ स्थित पार्क एक्सजोटिका रिसोर्ट में आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल में आज तीसरे व अंतिम दिन कहानियों का नया संसार देखने को मिला। अंतिम दिन स्टोरी टेलर्स ने रोमांटिक,कावड़ चित्रमय कला,रसीली, धार्मिक,चिंतनशील कहानियों, पौराणिक कथाओं और इतिहास से लेकर पर्यावरण, लिंग और जीवन तक, विविध दृष्टिकोणों ने दर्शकांे के मन पर गहरी छाप छोड़ी। देर रात तक चले कहानियों के इस दौर ने दर्शकों को बांधे रखा।
उदयपुर टेल्स की सह संस्थापक सुष्मिता सिंघा ने बताया कि समारोह के अंतिम दिन की शुरूआत दिल्ल्ी-नोएडा से आयी सिमी श्रीवास्तव की रोमांटिक कहानी से हुई। शिव-अनसुया की कहानी में शेरों शायरी, गज़ल का समावेश करते हुए उसे एक नये रूप में प्रस्तुत किया। जिसे दर्शकों ने मुक्त कंठ से सराहा। मूलतः जालोर हाल मुबंई निवासी थियेटर कलाकर अक्षय गाध्ंाी ने राजस्थान की चित्रमय कावड़ शैली को कहानी के रूप में इस प्रकार प्रस्तुत किया कि दर्शक हंसे बिना नहीं रह सकें। उन्होंने अपनी कहानी में कहीं कहीं हास्य का पुट भी डाला ताकि दर्शक मग्न हो कर उसका आनन्द ले सकें। कावड के चित्रों पिटारे को खेलते हुए अक्षय गांधी ने कहा कि कहानी कहने की कला करीब 500 वर्षो पुरानी है लेकिन यह कला विलुप्त होती जा रही थी जिसे अब पुनः पुनर्जीवित किया जा रहा है। संसार के पहले स्टोरी टेलर भगवान शिव थे जिन्होंने आद्य शक्ति को संसार की घटनाओं को कहानी के माध्यम सुनाया था। उन्होंने कहानी के माध्यम से बताया कि जहंा मंथन होता है वहीं से कहानी का जन्म होता है।
बेगलोर निवासी थियेटर कलाकार कहानीकार अंजना चंाडक ने अपनी धार्मिक कहानी में स्वंय को रावण की पत्नि मंदोदरी के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहानी सुनायी तो दर्शक त्रेतायुग में पंहुच गये। उन्होंने मंदोदरी बन कर स्वयं मंदोदरी की बातंे सुनायी। इस कहानी को आज के युग से जोड़ते हुए कहानी का प्रस्तुतिकरण किया। मंदोदरी कहानी अपनी स्वयं की कहानी है। मंदोदरी की कहानी प्रयास की कहानी है।
रजत मेघनानी ने एक ऐसी कहानी सुनाई जो गहरे संदेश से गूंजती थी कि जीवन के प्रतीक जीवंत पीले रंग की तरह, सपनों को गले लगाना हमें युवा और ऊर्जावान रखता है। वहीं ब्लू हश ग्रुप की गायिका हीना और संगीतकार ओजस संगीत जोड़ी ने जैज़ के भावपूर्ण नोट्स के संगीतमय वर्णन के साथ दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। कथाकार गौतम मुखर्जी जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने महाभारत की अब तक बनी सबसे ऊंची बहुमंजिला कहानी कहने वाली इमारत के भीतर अभिमन्यु और चक्रव्यू के रूप में बोलते हुए एक पौराणिक टेपेस्ट्री बुनी। उन्होंने नैतिकता, मूल्यों और कारणों की खोज की, जिससे दर्शकों को एक गूंजता हुआ संदेश मिला कि एक अकेला व्यक्ति जीवन की भव्य कथा में बदलाव ला सकता है। स्पेन की बहुमुखी कहानीकार रेबेका लेमेयर ने अपना सेल्टिक आकर्षण फैलाया क्योंकि उनकी कहानी एक रहस्यमय यात्रा की तरह सामने आई, जिसने लोककथाओं और जादू से भरी कहानियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में युग्म, अभिषेक और मयंक के नेतृत्व में एक इंडी बैंड, ने संगीतमय जीवंतता के साथ कहानी कहने का समावेश करके, एक यादगार और आधुनिक कहानी अनुभव का निर्माण करके एक समकालीन नोट पर उत्सव का समापन किया। महोत्सव की उल्लेखनीय रूप से बढ़ी सफलता में उल्लेखनीय योगदान दिया। उदयपुर टेल्स के आखिरी दिन कई तरह की कहानियां सुनाई गईं, जिससे पता चला कि कहानी कहने का तरीका कितना विविध और खास हो सकता है। कहानियों के समृद्ध कैनवास ने एक गहन यात्रा की पेशकश की, जो आज की गतिशील दुनिया में गूंजने वाले विषयों पर प्रतिबिंब को आमंत्रित करती है। त्योहार ने कहानी कहने की सार्वभौमिक शक्ति का जश्न मनाया, परंपरा और आधुनिक कथा परिदृश्य के बीच संबंध को बढ़ावा दिया। दर्शकों के पास उत्सव के अगले रोमांचक संस्करण तक याद रखने के लिए कई अद्भुत यादें बची थीं। फेस्टिवल अंतिम दिन दर्शक अगले वर्ष पुनः नयी कहानिंया सुनाने के वादे के साथ सम्पन्न हुआ।