भारत होगा डिजिटल सुपर पावर
उदयपुर। आज के डिजिटल प्रौद्योगिकी और एनालेटिक्स के दौर में राष्ट्रों की समृद्धि उनकी तकनीकी सामर्थ्य एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी पर ही आधारित होंगी। आगामी दशक में अधिकाधिक रोजगार का सृजन और जन समस्याओं का समाधान डिजिटल तकनीकों से ही होगा यह जानकारी देते हुए डिजिटल एंड एनालेटिक्स कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि युनेस्को एम.जी.आई.पी. के चेयरमेन प्रो. बी.पी.शर्मा ने कहा कि डिजिटल और एनालेटिक्स का उपयोग आज स्वास्थ्य, कृषि, डिफेंस, बैंकिग, औद्योगिक उत्पादन इत्यादि सभी क्षेत्रों में हो रहा है तथा इसकी उपयोगिता को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि वर्ष 1820 में सर्वाधिक संपन्न और सबसे गरीब राष्ट्र के बीच का अंतर मात्र तीन गुणा था किंतु आज यह अंतर बढ़कर 400 गुणा हो गया है और इसका प्रमुख कारण तकनीकी रूप से उन्नयन और नवाचार है। जिन राष्ट्रों ने उच्च तकनीक को अपनाया और उसमें सतत नवाचार किया वे आज संपन्न है और वहां जनसाधारण अधिक सुविधायुक्त जीवन जी रहा है। भारत चौथे इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के अंतर्गत अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। आज देश के आईटी एक्सपोर्ट संयुक्त अरब अमीरात के कच्चे तेल के निर्यात से अधिक मूल्य के हैं। भारत आज तकनीकी के क्षेत्र में विश्व गुरु बनने की दहलीज पर है।
आयोजन के गेस्ट ऑफ ऑनर, पेनासोनिक समूह की कंपनी ब्लू यांडर के सीनियर मैनेजर मनीष जोशी ने बताया कि पहले जो चीजें कल्पनाएं समझी जाती थी वह अब हकीकत में बदलती जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब बेहद अफॉर्डेबल हो गया है। उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता के लिए अनुशासित रूप से पेशेवर जानकारी ग्रहण करने पर जोर दिया। विश्वविद्यालयों में कार्यरत अटल इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से आज देश में 3500 से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।
अपने स्वागत उद्बोधन में डीन पी.जी. स्टडीज प्रो. हेमन्त कोठारी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में विद्यार्थियों को आधिकारिक जानकारी प्रदान करने में यह कॉन्क्लेव निश्चित रूप से सहायक होगा। मानव और मशीन का यह अद्भुत समागम निसंदेह विद्यार्थी सीखेंगें जिससे उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर विविध राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों में सुलभ होंगे।
पेसिफिक विश्वविद्यालय एम.एस.सी डेटा साइंस, बी.टेक ए.आइ.एम.एल, एम.बी.ए. डेटा एनालेटिक्स और बीबीए डिजिटल मार्केटिंग जैसे नवीन पाठ्यक्रम उपलब्ध करवा रहा है जिनकी इंडस्ट्री में भारी डिमांड है। ब्लॉकचैन, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, एनालेटिक्स से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पेसिफिक में यह दो दिवसीय डिजिटल और एनालेटिक्स कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है।
प्रेसिडेंट प्रोफेसर के.के. दवे ने विद्यार्थियों को विविध प्रतिस्पर्धाओं डेटाथोन, बिजनेस आइडिया प्रेजेंटेशन, डिबेट, डिजिटल ओलंपियाड, डिजिटल बिजनेस क्वीज और पोस्टर मेकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। उनके अनुसार यह कार्यक्रम आदिवासी बहुल क्षेत्र उदयपुर हो या कॉस्मोपॉलिटन दिल्ली, मुंबई, जयपुर से आये विद्यार्थियों की सभी टीमों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है; यह उनकी अकादमिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा।
सेप लैब्स के सीनियर मैनेजर रवीश ओझा ने विद्यार्थियों को ब्लॉकचेन व इसके विविध प्रयोगों तथा संभावनाओं की जानकारी दी। कन्वीनर डॉ. दिपीन माथुर ने कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत खुदरा व्यापारियों तथा हॉलसेलर्स को ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा के दौर में अपना व्यापार भारत सरकार द्वारा संचालित ओ.एन.डी.सी. प्लेटफार्म पर रजिस्टर करते हुए सहज रूप से चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। ओ.एन.डी.सी. की प्रतिनिधि अदिति सिंगा और माइ स्टोर के प्रफुल्ल राजपूत ने बारीकी से एक-एक स्टेप प्रायोगिक रूप से समझाते हुए शहर के व्यापारियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते हुए व्यापार के संचालन की प्रक्रिया बतायी और उनकी शंकाओं का समाधान किया।
कॉन्क्लेव कन्वीनर डॉ. दिलेन्द्र हिरण ने जानकारी दी कि कॉन्क्लेव के अंतर्गत 10 बूथ के माध्यम से प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रदर्शनी आयोजित की गई है। एक बूथ पर फार्मेसी उत्पादन के अंतर्गत डिजिटल टेस्टिंग के प्रभाव को दर्शाया गया तो दूसरे पर पाइथन लाइब्रेरी का प्रयोग करते हुए एनिमेटेड गेम्स के निर्माण की प्रक्रिया समझाई गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए विभिन्न उत्पादों के विज्ञापन बनाना भी प्रायोगिक रूप से बताया गया। वेबसाइट डवलपमेंट, एप क्रिएशन, साइबर सिक्योरिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, बिजनेस एनालेटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर आधरित बूथों पर भी व्यापक जानकारी पेसिफिक वि.वि. के विद्यार्थियों द्वारा सभी प्रतिभागियों को दी गई। उल्लेखनीय है कि देश भर के 20 विश्वविद्यालयों सहित 70 उच्च शिक्षण संस्थाओं के 650 विद्यार्थी इस कॉन्क्लेव में हिस्सा ले रहे है।