उदयपुर। पेसिफिक विश्वविद्यालय के पेसिफिक पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। डॉ. मुकेश श्रीमाली (निदेशक पेसिफिक पॉलिटेक्निक कॉलेज) ने बताया कि इस वेबिनार के मुख्य वक्ता डॉ. मनोज बालन, एनआईपीएएम अधिकारी और पेटेंट और डिजाइन के परीक्षक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) भारतीय पेटेंट कार्यालय दिल्ली थे। इस अवसर पर प्रो. के. के. दवे प्रेसिडेंट पाहेर विश्वविद्यालय उपस्थित थे।
मुख्य वक्ता ने बताया कि आधुनिक युग में बौद्धिक संपदा सबसे मूल्यवान संपत्ति है तथा आईपीआर कानूनी संरक्षण का एक रूप है जो किसी व्यक्ति या कंपनियों को उनके रचनात्मक एवं अभिनय कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि आईपी को कानून में पेटेंट कॉपीराइट या ट्रेडमार्क द्वारा संरक्षित किया जाता है। जो लोगों को उनके आविष्कार या निर्माण से मान्यता या वित्तीय लाभ अर्जित करने में सक्षम बनाता है साथ ही पेटेंट कॉपीराइट ट्रेडमार्क औद्योगिक डिजाइन भौगोलिक संकेत आदि के बारे में विस्तार से समझाया। कॉपीराइट पंजीकृत करने के विभिन्न चरणों को समझाया तथा पेटेंट कौन-कौन कर सकता है इसकी जानकारी दी। भौगोलिक संकेतों व पेटेंट को दैनिक जीवन के सरल उदाहरणों से समझाया। मनीष जैन प्रोजेक्ट ऑफिसर ने बताया कि किसी रचनात्मक विचार या कार्य को करने से पहले उसे आईपीआर द्वारा प्रोटेक्ट कर फिर उसे वित्तीय लाभ अर्जित किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र – छात्राओं ने भाग लिया। अंत में नीरज श्रीमाली द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. वर्षा चौधरी द्वारा किया गया।