पैसिफिक विश्वविद्यालय के पेसिफिक इंस्टीट्युट ऑफ मैनेजमेंट में इन्नोवेशन टैक्नोलॉजीज इन बिजनेस एण्ड इकोनॉमी फॉर सस्टेनेबल डवलपमेन्ट विषय पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। देश-विदेश से विभिन्न शिक्षाविद, शोधकर्ता और प्रतिष्ठित उद्यमियों ने नए ट्रेंडस, टैक्नोलॉजी एण्ड इनोवेशन व सस्टेनेबल डवलपमेंट आदि विषयों पर गहन मंथन किया। सम्मेलन के उद्धाटन सत्र में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता, साउर्थन कनेक्टिकट स्टेट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमेरिटस डा. श्याम लोढ़ा ने उद्यमशीलता और पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों ने फिजिकल मोड़ में अपने पेपर प्रस्तुत किये जबकि दूसरे दिन प्रतिभागी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता डा. हिमकर दुबे सीईओ, नेक्सथान ग्लोबल सर्विसेज लिमिटेड, उदयपुर ने अपने मुख्य भाषण में व्यावहारिक उदाहरण के द्वारा आने वाले समय में तकनीकी नवाचार की महत्ता को बताते हुए विद्यार्थियों को अपने जीवन के उद्देश्य को सार्थक करने की प्रेरणा दी एवं दीर्घकालीन विकास पर ज्यादा जोर डाला। तकनीकी विकास से रोजगार के अवसर सीमित नहीं होते परन्तु असीमित रूप से नए प्रकार के रोजगार अवसर में निरन्तर बढ़ोतरी होती है। उद्घाटन सत्र की शुरूआत में प्रो. दिपिन माथुर, डीन, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेन्ट केे कार्यशाला के जानकारी पूर्व स्वागत उद्घोष से हुई। प्रो. एस.एस. लोढ़ा ने विद्यार्थियों को समय के अनुरूप ढलने के लिए प्रेरित किया एवं तकनीकी विकास के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए तत्परता से विकासन्मोख कार्य एवं शोध पर जोर डाला।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसीडेन्ट प्रो. के.के. दवे ने विद्यार्थियों को नई स्किल डवलप करने पर जोर दिया एवं नये रोजगार अवसर के लिए तत्पर रहकर इनोवेटिव बिजनेस मॉडलस बना कर भारत को और ऊँचाईयों तक पहुंचाकर विश्व में नम्बर एक बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला में सत्र अध्यक्ष एस.एम.डी.बी. कॉलेज के एसीस्टेन्ट प्रोफेसर हेमन्त कदुनिया और कम्प्युटर सेन्टर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के निदेशक अविनाश पंवार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन टैक्नोलॉजी और नवीनतम प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के प्रथम सत्र में डिपार्टमेन्ट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, राजस्थान विश्वविद्वालय के प्रो. एम.एल. वसीटा व इंस्टीट्युट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड ऑर्किटेक्चर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. हनुमान प्रसाद ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरणीय चुनौतियों के दृष्टिगत वेस्ट मैनेजमेंट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ग्रीन एनर्जी यूज, प्लास्टिक फ्री इनवायरमेन्ट आदि पर भी गहन अध्ययन और शोध की आवश्यकता है।
विभिन्न सत्रों के मुख्य वक्ता डा. देवेन्द्र श्रीमाली, डा. खुश्बु शर्मा, डा. मीनु माहेश्वरी, डा. चारू बग्गा, प्रो. ए.क.े गोयल, प्रो. आशिष जोशी, प्रो. तेजस दवे ने अनुसंधान टैक्नोलॉजी एण्ड इनोवेशन से संबंधित क्षेत्रों में अपने विशेष ज्ञान के टिप्स देते हुए बताया कि इस साल मेटावरस और वेब 3.0 यूजर के एक्सपिरियंस को पूरी तरह से बदल सकते है। यह एक ऐसी वर्चुअल दुनिया होगी, जिसे लोग रियल लाइफ में देख सकेंगे। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि पेसिफिक एकेडमी ऑफ हायर एज्युकेशन एण्ड रिसर्च युनिवर्सिटी के प्रेसीडेन्ट प्रो. के.के. दवे ने सभी छात्रों और प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। इस दौरान कार्यशाला के आयोजन सचिव प्रो. पुष्पकांत शाकद्वीपी ने बताया कि इस कार्यशाला में कुल 256 शोध पत्र और लेख प्राप्त हुए एवं देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया एवं संगोष्ठी में भाग लिया। कार्यशाला निदेशक प्रो. दिपिन माथुर एवं हेमन्त कोठारी ने बताया कि संस्थान हर साल ऐसी संगोष्ठी का आयोजन करता है। जिसमें छात्रों को प्रतिष्ठित उद्यमियों व विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चाओं में भाग लेने का तथा विचारों के आदान-प्रदान का मौका मिलता है। प्रो. पल्लवी मेहता ने सभी आंगन्तुकों, वक्ताओं एवं डेलीगेट्स को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि कुल 167 पत्रों को ऑफलाइन एव ऑनलाइन टेक्नीकल ट्रेक्स में वाचन किया जाएगा। 16 मार्च के ऑनलाइन सत्र के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसीडेन्ट प्रो. के.के. दवे एवं मुख्य वक्ता प्रो. ओम्बोई बेर्नार्ड मेसा, युनाईटेड स्टेट्स इंटरनेशनल युनिवर्सिटी, अफ्रिका के रहेंगे।