एक चिकित्सक में मानवता के मूल्य जरूरीः-डा.मंगल
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल विश्वविघालय,पेसिफिक विश्वविधालय,यूनिवर्सिटी एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटीज एवं राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान,ग्रेटर के संयुक्त तत्वावधान में “सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवाएं एवं चिकित्सकीय नैतिकता“ पर चार दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम में आज पीएमयू के प्रिसिडेन्ट डॉ.एम.एम. मंगल ने सर्जिकल एथिक्स पर अपना व्याख्यान दिया।
उन्होने कहा कि एक सफल चिकित्सक मे व्यवहार उसके चरित्र निर्माण को परिलक्षित करता है,साथ ही मरीज को बिना नुकसान चिकित्सीय सेवाओं का प्रदाता बन उसका स्वागत हॅसते हुए करना चाहिए जिससे स्वतः आधी से ज्यादा बामारी का इलाज हो जाता है। साथ ही जिन बीमारियों का इलाज दवाईयो से सम्भव है वहाॅ आवश्यक जाॅचें ही करा कर वेवजह आॅपरेशन के लिए बाघ्य न करें। इस दौरान न्यूरोंसाइन्सेस विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ.अतुलाभ वाजपेयी ने इस कार्यक्रम में अध्यात्म का न्यूरोलॉजिकल एवं वैज्ञानिक आधार पर जानकारी दी। उन्होने कहा कि जैसा हम अक्सर बात करते हैं कि हमारा बुद्धिमान भागफल (आई.क्यू) को दर्शाता है दूसरा भावनात्मक गुणक (ए.क्यू) को दर्शाता है जो हमारे आपस में परस्पर स्नेह पूर्ण संबंधों का मानक है यह आई.क्यू लेफ्ट ब्रेन को नियंत्रित करने वाला होता है एवं एक्यू मुख्यतः राइट ब्रेन से नियंत्रित होता है जब राइट और लेफ्ट ब्रेन दोनों समन्वय से काम करते हैं तब एसक्यू स्प्रिचुअल इंटेलिजेंट का निर्माण होता है जोकि एक प्रकार की उच्च विद्वता का मानक है इसके निर्माण से हम जीवन में सुख शांति करुणा स्नेह की अनुभूति करते हैं एवं तनाव रहित रह पाते हैं स्प्रिचुअल इंटेलिजेंट के निर्माण में योग ध्यान प्राणायाम की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस दौरान एथिक्स फाॅर पैरामेडिकल पर्सनल पर डॉ.हरीश कुमावत एवं एथिक्स इन मेडिकल इन्वेस्टिगेशन पर डॉ.ऋतु भटनागर ने अपना व्याख्यान दिया।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम के अंतिम दिन 25 अप्रैल को डॉ.पुष्पकांत शाकद्वीपी ह्नयूमन रिसोर्स मैनेजमेंट एंड रोल ऑफ़ इमोशनल इंटेलिजेंस इन मैनेजिंग हेल्थकेयर सर्विसेज़ पर अपना व्याख्यान देंगे तो वही विशिष्ठ व्याख्यान के रूप में मोरवी से पधारे डॉ. जयंती भाई भाडेसिया प्राचीन स्वास्थ्य प्रणाली पर अपना अध्यक्षीय उद्बोधन देगें।