वेदांता समूह की कंपनी और भारत में जिंक, लेड और सिल्वर के सबसे बड़े और एकमात्र एकीकृत उत्पादक हिंदुस्तान जिंक ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सघन वृक्षारोपण एवं पर्यावरण प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। कंपनी की सभी परिचालन इकाइयों में विभिन्न गतिविधियों, वृक्षारोपण अभियान का आयोजन कर स्वच्छ एवं संरक्षित पर्यावरण का संकल्प लिया। हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा इस वर्ष 1 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है।
इस अवसर पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, कंपनी ने अपने सतत विकास लक्ष्यों के एक हिस्से के रूप में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए कई पहल की हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रयासों में कंपनी के कार्बन फुटप्रिंट पर सुक्ष्म नजर रखने के साथ-साथ इसे कम करने के प्रयास शामिल हैं। इसके अलावा, कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखला में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए स्थायी नीतियों और प्रयासों को भी प्राथमिकता देती है। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आव्हान किया कि हम अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में बदलाव कर पर्यावरण का सरंक्षण सुनिश्चित करें। यदि हम स्वयं प्लास्टिक के उपयोग से बचनें, उपयोग में न होने पर बिजली के उपकरणों को बंद करनें, पानी की बर्बादी को रोकनें, और कम दूरी के लिये साइकिल चलाने जैसे छोटे छोटे बदलाव करें तो हम पर्यावरण सरंक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें सकते है।
हिन्दुस्तातन जिं़क प्रधान कार्यालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा, उपमुख्य कार्यकारी अधिकार कृष्णमोहन नारायण एवं सीएचआरओ मुनीश वासुदेवा ने जिंक परिवार के साथ मिलकर पौधारोपण की शुरुआत की। देबारी जिं़क स्मेल्टर द्वारा व्यापार भागीदारों, चाइल्ड केयर सेंटर और महिला क्लब द्वारा सप्ताह भर जागरूकता सत्र, क्विज ‘कौन बनेगा पर्यावरण चैंपियन’, साकरोदा में शिक्षा संबल समर कैंप के छात्रों के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, एवं आरओ पर भी पौधारोपण अभियान चलाया गया। जावर माइंस में 50 हजार से अधिक पौधे लगाने के लक्ष्य के साथ चारो माइंस, सीपीपी, टाउनशिप, अस्पताल में पौधारोपण की शुरूआत की। कर्मचारियों और जिंक परिवार के लिए पर्यावरण दिवस वीडियो संदेश, पोस्टर मेकिंग, बर्ड-फीडर मेकिंग जैसी प्रतियोगिताएं पूरे सप्ताह आयोजित की गईं।
जलवायु सरंक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए आवश्यकता के अनुरूप, हिंदुस्तान जिंक ने अत्याधुनिक तकनीकों, कुशल संसाधन प्रबंधन और अपने संचालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की सोर्सिंग में लगातार निवेश कर अग्रसर है। कंपनी 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने की दिशा परिवर्तनकारी हेतु निरन्तर आगे बढ रही है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य कंपनी के सस्टेनेबल लक्ष्यों के साथ शामिल है, जिसमें 2025 तक 5 गुना जल सकारात्मक होना और 25 प्रतिशत तक शुद्ध जल के उपयोग को कम करना शामिल है, अपने संचालन के आसपास जैव विविधता की सोर्सिंग और सुरक्षा के साथ ही शत प्रतिशत सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करना शामिल है।