उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के मनोचिकित्सा विभाग की ओर से अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसोडर(एडीएचडी) विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन आज किया गया।
वर्कशॉप का उद्घाटन पीएमसीएच के ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल,प्रिसिंपल एवं डीन डॉ.एम.एम.मंगल,मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.़एस.जी मेहता ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके किया। इस वर्कशॉप में एडीएचडी क्या है,इसके लक्षण, कारण एवं उपचार के साथ इस बीमारी में क्या ध्यान रखना चाहिए आदि के बारे में विस्तार से बताया। मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.़एस.जी मेहता ने इस बीमारी से पिडित बच्चों के उपचार में दवाई और साइकोथैरेपी की भूमिका पर प्रकाश डाला साथ ही बताया कि अगर बच्चें एवं उनके परिवार की काउंसिलिंग की जाए तो इस बीमारी के इलाज में काफी हद तक मदद मिलेगी। डॉ. मेहता ने बताया कि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसोडर(एडीएचडी) बीमारी के इलाज में शिशू रोग एवं मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस दौरान एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से एडीएचडी बीमारी की गंभीरता को मनोचिक्तिसक एवं मनोविज्ञान रेसिडेन्टस के द्वारा मंच पर बखूबी दर्शाया गया। वर्कशॉप में पीएमसीएच के सभी विभागों के विभागाघ्यक्षों सहित प्रोफेसर,ऐसोसियेट प्रोफेसर,असिस्टेट प्रोफेसर एवं पीजी रेजिडेन्ट उपस्थित रहे।