जयपुर में राइजिंग राजस्थान शिक्षा प्री-सम्मिट में शिक्षा विभाग, राजस्थान के साथ 72 राजकीय विद्यालयों को बढ़ावा देने के लिए एमओयू
कंपनी ने हाल ही में राइजिंग राजस्थान समिट से पहले प्रदेश में नए निवेश की भी घोषणा की
जयपुर। भारत की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ा एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने राजस्थान शिक्षा विभाग के साथ एमओयू के माध्यम से अगले पांच वर्षों में बाल शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु 36करोड़ रूपयें के निवेश की घोषणा की। जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान एजुकेशन प्री-सम्मिट में हस्ताक्षरित, यह एमओयू मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और युवा एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। एमओयू पर कंपनी की ओर से हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने हस्ताक्षर किए तथा एमओयू का आदान-प्रदान राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान अविचल चतुर्वेदी एवं वेदांता हिन्दुस्तान जिं़क की सीएसआर हेड अनुपम निधि के बीच हुआ।
एमओयू कंपनी के शिक्षा संबल पहल के माध्यम से प्रदेश में छात्रों के विकास के लिए तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित
शिक्षा संबल पहल के माध्यम से, हिंदुस्तान जिंक प्रशिक्षित शिक्षकों, अनुकूलित शिक्षण विधियों और माध्यमिक छात्रों के लिए सामयिक शिविरों के माध्यम से छात्रों के सीखने की जरूरतों को पूरा करेगा। इसमें शैक्षणिक सफलता के लिए मजबूत आधार हेतु राजकीय विद्यालय के शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण भी शामिल है। साथ ही चयनित विद्यालयों को आधुनिक कक्षाओं, स्वच्छता सुविधाओं, प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक शिक्षण सामग्री से सुसज्जित आदर्श संस्थानों में अपग्रेड किया जाएगा, जो समकालीन शैक्षिक मानकों के अनुरूप सीखने के वातावरण को बढ़ावा देगा। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, हिंदुस्तान जिंक सार्थक करियर हेतु आवश्यक ज्ञान और उपकरणों के साथ छात्रों को सशक्त बनाने के लिए करियर मार्गदर्शन और कौशल प्रशिक्षण को प्राथमिकता देगा।
वेदांता समूह द्वारा हाल ही में प्रदेश में 1 लाख करोड़ के नये निवेश की घोषणा के बाद इस एमओयू के माध्यम से, हिंदुस्तान जिंक और शिक्षा विभाग 72 राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे और संसाधनों को मजबूत करने के लिए कार्य करेंगे, जिससे सालाना 2 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होगें एवं करियर की ओर अग्रसर होगें। यह कंपनी की समुदायों के सतत और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि शिक्षा विकास का प्राथमिक आधार है, शैक्षिक विकास पर केंद्रित कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए है। विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान की अपार संभावनाओं को स्वीकार करते हुए उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं की क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करना है। सीमित समय के बावजूद, उन्होंने राइजिंग राजस्थान को मिले असाधारण समर्थन और इसकी सफलता में योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस पहल पर प्रकाश डालते हुए हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, हिंदुस्तान जिंक में, हम शिक्षा और सशक्तीकरण को परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में बढ़ावा देने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं। प्रदेश के युवा और यहां का विकास इसके समग्र पोषण पर निर्भर करता है।यह साझेदारी राजस्थान के भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह निवेश शैक्षिक मानकों को ऊंचा उठाएगा और समुदाय की दीर्घकालिक प्रगति में योगदान देगा। हम हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सार्थक करियर मार्गदर्शन और जीवन-समृद्ध अवसरों तक पहुंच प्रदान करने में विश्वास करते हैं ताकि कोई भी बच्चा पीछे न रहे। 72 विद्यालयों में हमारा निवेश एक मजबूत, सुसज्जित युवाओं के निर्माण की हमारी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है जो आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ राजस्थान के भविष्य को अग्रसर करेगें।
हिंदुस्तान जिंक की प्रमुख शिक्षा-केंद्रित पहल, शिक्षा संबल, 2008 से राजस्थान में संचालित हो रही है, जो ग्रामीण और वंचित समुदायों में सालाना 2 लाख से अधिक बच्चों को लाभान्वित कर रही है। कंपनी ने ग्रामीण बच्चों में विकास को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान और उत्तराखंड में 1400 से अधिक नंद घर स्थापित किए हैं, जिससे 2.5 लाख से अधिक महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हुए हैं। अब तक कंपनी ने शैक्षिक पहलों में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जिसमें उंची उड़ान भी शामिल है, जो कम आय वाले पृष्ठभूमि के महत्वाकांक्षी आईआईटी उम्मीदवारों को सहयोग कर रहा है, एवं कंपनी का जीवन तरंग कार्यक्रम विशेष योग्यजन बच्चों को सशक्त बनाता है। शिक्षा के क्षेत्र के साथ ही हिंदुस्तान जिंक ग्रामीण महिलाओं और किसानों, स्वास्थ्य सेवा, जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए सतत आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जिससे 3,700 से अधिक गांवों में 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव हुआ है। भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में शामिल हिंदुस्तान जिंक की पहल आत्मनिर्भर राजस्थान के निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो समावेशिता, नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्रमुखता से कंेद्रीत करती है।