उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल भीलों का बेदला, उदयपुर में चिकित्सा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। नाक,कान और गला (ईएनटी) विभाग के चिकित्सकों ने 38 बर्षीय मरीज खेमा राम के मस्तिष्क के पास पहुंची लोहे की वस्तु को निकालकर मरीज की आंखों की रोशनी को बचाया। इस सफल ऑपरेशन में ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.शिव शंकर कौशिक,एनेस्थीसिया विभाग के डॉ.रविंद्र,दिनेश और उनकी टीम ने अपनी कुशलता और विशेषज्ञता का परिचय देते हुए दूरबीन विधि से नाक के रास्ते दिमाग के पास पहुंची लोहे की वस्तु को सफलतापूर्वक बाहर निकालकर मरीज की जान और आंखों की रोशनी दोनों बचा ली।
दरअसल नागौर जिले के 38 वर्षीय खेमा राम के देवगढ़ स्थित खदान में कार्य करते समय एक लोहे का टुकड़ा दुर्घटनावश उनकी आंख को चीरता हुआ शरीर के अंदर घुस गया। इस गंभीर चोट के बाद खेमा राम को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल भीलों का बेदला रेफर कर दिया गया।
ईएनटी विभाग के डॉ.शिव शंकर कौशिक ने मरीज की स्थिति की तुरंत जांच करवाई। जांच में पता चला कि लोहे का टुकड़ा नाक की हड्डी को भेदते हुए दिमाग के बेहद करीब पहुंच चुका था। यह स्थिति न केवल आंखों की रोशनी, बल्कि मरीज की जान के लिए भी खतरा थी। डॉ.कौशिक और उनकी टीम ने बिना समय गवाएं ऑपरेशन की तैयारी की। दूरबीन तकनीक का उपयोग करते हुए, उन्होंने नाक के रास्ते से ऑपरेशन किया और लोहे के टुकड़े को सावधानी पूर्वक बाहर निकाला। इस ऑपरेशन में चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ी, जिससे मरीज को अतिरिक्त जटिलताओं से बचाया जा सका।
डॉ.शिव शंकर कौशिक ने बताया कि इस प्रकार की सर्जरी में समय पर फैसला लेना और सही तकनीक का उपयोग करना बेहद जरूरी होता है। टीम के सामूहिक प्रयास और आधुनिक उपकरणों की सहायता से मरीज की ऑख एवं रोशनी बचाने में सफल रहे। मरीज अभी पूरी तरह से ठीक है। मरीज के परिजनो ने चेयरमेन राहुल अग्रवाल,ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल,चिकित्सकों एवं नर्सिग स्टॉफ को धन्यवाद दिया।