आज देश के ख्यातनाम देवदत्त पटनायक सत्री सावित्री पर अपनी कहानी की देगें प्रस्तुति
उदयपुर। मा माय एंकर फाउण्डेशन द्वारा स्थापित उदयपुर टेल्स की ओर से शिल्पग्राम रोड़़ स्थित दर्पण सभागार के सामनें पार्क एक्सजोटिका रिसोर्ट में चल रहे तीन दिवसीय स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल के प्रथम दिन आज विविध प्रकार की मौखिक कहानियों का संग्रह प्रस्तुत किया गया।
पहले दिन के पहले सत्र की शुरूआत प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं कहानीकार विलास जानवे द्वारा महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की कहानी प्रस्तुत की गई। उन्होंने महाराणा प्रताप की देशभक्ति एवं उनके चेतक घोड़े की स्वामी भक्ति के बारे में बच्चों को एक अलग ही अंदाज में समझाया तो बच्चे देशभक्ति के रंग में रम गए और तालिया की गड़गड़ाहट से सारा पंडाल गूंजा दिया। जानवे ने बच्चों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाते हुए हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप के चेतक घोड़े के जख्मी होने के बावजूद महाराणा प्रताप के प्रति उसकी स्वामी भक्ति को बहुत ही भावुक अंदाज में पेश किया तो बच्चांे में स्वाभिमान की भावना जागृत हुई। उन्होंने कहा कि जब युद्ध के दौरान चेतक गंभीर घायल अवस्था में रक्त रंजित होने के बावजूद भी वह अपने प्राणों की चिंता नहीं करके वह अपने स्वामी महाराणा प्रताप की चिंता कर रहा था। इधर महाराणा प्रताप को अपने प्रिय चेतक के प्राणों की चिंता हो रही थी तो उधर घायल चेतक को अपने स्वामी महाराणा प्रताप को बचाने की चिंता हो रही थी। हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप जहां चेतक को बचना चाह रहे थे वहीं स्वामी भक्त चेतक महाराणा प्रताप को बचाना चाह रहा था। उस कालखण्ड की यह देशभक्ति एवं स्वामी भक्ति की कहानी बेमिसाल है जिसका आज भी कोई तोड़ नहीं है। सिर्फ मेवाड़ ही नहीं अपने देश और दुनिया में महाराणा प्रताप की देशभक्ति और चेतक की स्वामी भक्ति के मिसाले दी जाती है।
उनके बाद शाोना मल्होत्रा ने अनलकी मैन कहानी सुना कर बच्चों को जीवन में हमेशा नकारात्मकता से दूर रहकर सकारात्मक के साथ सफल होने का मंत्र दिया। कहानीकार निशा सिंह ने सम्राट की पोशाक नामक कहानी से बच्चों को हंसाया गुदगुदाया और जीवन जीने की सीख भी दी। उन्होंने बच्चों को प्रेरणा दी कि जीवन में किसी के बहकावें में नहीं आना, अपनी बुद्धि से काम लेना चाहिये। किसी भी अनजाने की चिकनी चुपड़ी बातो मे नही आना चाहिए और हमेशा सच्चाई का साथ देना चाहिए।
ंसुखमनी कोहली ने फर्डिनेंड फूलचंद की कहानी सुनाकर बच्चों में आनन्द की हिलोरे पैदा कर दिये।
इस क्लाऊन शो में बच्चों ने जोकर का खूब मजा लिया। जब जोकर बच्चों के बीच गये तो बच्चे जोकर से ऐसे घुल मिल गए कि वह अलग ही दुनिया में खो गये। उन्होंने बच्चों को हंसा हंसा कर लोट पोट कर दिया। जोकर ने रोने की एक्टिंग की तो बच्चे भावुक हो गए और जोकर हंसे तो बच्चे भी खिलखिला कर हंसने लगे। सन्देश यह दिया कि जीवन में फिटनेस बहुत जरूरी है। जीवन में अगर सफल होना है तो हमेशा खुश रहो हंसते रहो और मुस्कुराते रहो। उनके पूरे शो के दौरान बच्चे भी हंसते मुस्कुराते रहे और तालिया की गडगड़ाहट के साथ पूरे पंडाल को गुजाते रहे।
दोपहर में जमघट मंच पर नया सवेरा बैण्ड ने पूरे माहौल कोई बदल दिया। स्कूली बच्चों के साथ वहां उपस्थित सभी महिला पुरुष नया सवेरा बैंड के साथ ऐसे जुड़े जैसे वह जमगट से हिलना ही नहीं चाह रहे थे। उसके बाद एक से बढ़ कर एक प्रोग्राम हुए जिनमें अननोन पार्टनर्स अननोन स्टोरी और स्टोरी टेलिंग कंपटीशन हुए। स्कूल स्टोरी टेलिंग के बाद सभी को अवार्ड प्रदान किए गए। अंत में फोक म्यूजिक का आयोजन हुआ।
फेस्टिवल के दूसरे दिन कल देश के ख्यातनाम आध्यात्म से जुड़े देवदत्त पटनायक 11 जनवरी को सती सावित्री नामक कहानी की प्रस्तुति देंगे।
फाउण्डेशन की सह संस्थापिका सुश्री सुष्मिता सिंघा ने बताया कि दूसरे दिन की शुरूआत बच्वों के लिये प्रातः 10 बजे से स्टोरी टेलर जूलियाना मरिन की द ट्रेवलिंग स्टोरी से होगी। शिल्पा मेहता ए क्लेवर टेलर एण्ड वाट्स इन द नेम नामक कहानी पेश करेगी। फ्रंास से विदशी कहानीकार लॉरेन्स हूगूस फ्रंेच क्लासिक की प्रस्तुति देंगे। प्रथम सत्र के अंत में जूनियर मंगणियार कलाकार लोक संगीत की प्रस्तुति देंगे। फाउण्डेशन के सह-संस्थापक सलिल भण्डारी ने बताया कि दूसरे सत्र की जमघट की शुरूआत दोपहर ढाई बजे से होगी। जिसमें पावर ऑफ ओरल स्टोरी टेलिंग ट्रेडिशन पर ग्रुप डिस्कशन होगा। इसके बाद सभी महिलाओं के लिये कहानी कहने की प्रतिस्पर्धा आयोजित की जायेगी। तीसरे सत्र कहानीगंज की शुरूआत संाय 5 बजे होगी जिसमें होनरिंग मास्टर स्टोरीटेलर्स द्वारा होनर्स अनवेल्ड किया जायेगा। विक्की आहूजा द्वारा सरदारजी पर तो प्रसिद्ध कहानीकार देवदत्त पटनायक सती सावित्री की कहानी सुनायेंगे और अंत में शिल्पा एवं आदित्य कोखाकोटा ट्रेसिंग द रूटस थू्र फोकलोर की प्रस्तुति देंगे।