सुनील गोठवाल
क्यूं! अठे कई है मेवाड़ में। बाहने जाओ न मेवाड़ रो नाम रोशन करो। आपां मेवाड़ियाँ में या इज परेशानी है के मेवाड़ रो खाणो न मेवाड़ में इज जाणो। कुछ इसी तरह मेवाड़ी में श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ ने मुझसे कहे जब मुझे मेरे पिता स्व. श्री संजय गोठवाल नौकरी के लिए श्रीजी के पास ले गए। शिक्षा पूरी होने के बाद उस जमाने में उदयपुर में नौकरी करने के लिए सिटी पैलेस एकमात्र जगह थी जहां कॉरपोरेट की तर्ज पर सैलरी दी जाती थी। तब हर युवा का एक ख्वाब भी होता था कि पैलेस में नौकरी मिल जाये। श्रीजी ने अपने पीए को बुलाकर कह भी दिया लेकिन उस समय मेरे लिए क्रिएट की गई पोस्ट पर पीए ने अपने खास को नौकरी लगा दिया और पैलेस में जॉब करने का ख्वाब ख्वाब ही रह गया।
श्रीजी का पारिवारिक जुड़ाव इसलिए भी कह सकता हूँ कि मेरे पिता उस समय के वरिष्ठ पत्रकार थे। उदयपुर को लेकर श्रीजी के मन में जो पीड़ा रहती थी उसे पिताजी ने राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से उठाया। छोटे मोटे स्तर पर तो काफी आयोजन हुए लेकिन पैलेस में बहुप्रचलित पहली शाही शादी संभवतः बॉलीवुड अदाकारा रवीना टण्डन की हुई। फिर उसके बाद तो जमावड़ा सा लग गया। इससे पहले उदयपुर को पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाने में श्रीजी अरविंदसिंह मेवाड़ के प्रमुख योगदान रहा। कहते हैं न कि जंगल में मोर नाचा किसने देखा, उससे बाहर निकलकर उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाया। मि. इंटरनेशनल का आयोजन पैलेस के माणक चौक में हुआ तब बॉलीवुड अदाकारा रेखा, अदाकार जितेंद्र सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने भाग लिया था।
श्रीजी का जाना यानी एक युग की समाप्ति कही जा सकती है। ऐसा युग जिसने उदयपुर को स्वर्णिमकाल का अहसास कराया। उनके बड़े भाई महेंद्रसिंह मेवाड़ के गत 10 नवम्बर 2024 को देहावसान हुआ था। इधर 16 मार्च को लंबी बीमारी के बाद उनका देहावसान हो गया। जब अंतिम यात्रा पर श्रीजी अरविंदसिंह निकले तो शहरवासियों का हुजूम श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़ा। सिटी पैलेस स्थित अपने निजी शंभू निवास से जब पुत्र लक्ष्यराजसिंह और पौत्र हरितराज सिंह मेवाड़ के कंधों पर श्रीजी की अंतिम यात्रा निकली तब न सिर्फ परिजनों बल्कि वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो उठी। मानों दीवारें भी अंतिम विदाई दी रही थीं कि आखिरकार 80 वर्ष तक जिस चेहरे को देखा था अब वो बिछड़ने जा रहा है। इस दौरान देश भर की कई हस्तियां पहुंची जिनमें पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, टीवी कलाकार शैलेश लोढ़ा, ताज ग्रुप के सीईओ पुनीत चटवाल, विधायक ताराचंद जैन, फूलसिंह मीणा, शिव विधायक रवीन्द्र भाटी शामिल थे। श्रीजी ने अपनी अंतिम यात्रा किसी मोक्ष रथ नही बल्कि शहरवासियों के कंधों पर पूरी की। महासतिया में पूर्व राजपरिवार के सदस्य एवं नाथद्वारा विधायक विश्वराजसिंह मेवाड भी पहुंचे जिन्होंने काका श्रीजी को अपनी श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार के दौरान कुंवर लक्ष्यराजसिंह की आंखें आंसुओं के सैलाब को रोक नही पाई। उदयपुर को विश्व पटल पर उच्च स्थान दिलाने के लिए श्रीजी अरविंदसिंह मेवाड़ हमेशा याद किये जायेंगे और अब इसी परचम को उनके सुपुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ आगे ले जाएंगे।