पीएमसीएच में कार्यशाला, देशभर के विशेषज्ञ कर रहे शिरकत
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) उदयपुर के फार्माकोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस (जीसीपी) पर दो दिवसीय कार्यशाला का भव्य शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि एम्स जम्मू के अध्यक्ष डॉ. वाई. के. गुप्ता, विशिष्ट अतिथि पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. बिकास मेधी, पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एम. एम. मंगल, पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. यूएस परिहार, फार्माकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. बिपा मजूमदार, बायोकेमिस्ट्री विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला चेयरमेन डॉ. नीता साही,रेडियोलॉजिस्ट डॉ.अपूर्व वोहरा एवं कार्यशाला के सचिव डॉ. रोहिताश यादव ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया।
उद्घाटन पर पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एमएम मंगल ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएँ मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों में क्लीनिकल शोध के प्रति रुचि बढ़ाने का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि क्लीनिकल रिसर्च और ट्रायल्स चिकित्सा जगत में नई खोजों का मार्ग प्रशस्त करते हैं, जिससे मरीजों के इलाज के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं का भी विस्तार होता है।
पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने इस कार्यशाला और जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला चिकित्सा क्षेत्र में शोध को एक नई दिशा देने में सहायक होगी और डॉक्टरों को नैदानिक परीक्षणों के बेहतर मानकों से अवगत कराएगी। आयोजन सचिव डॉ. रोहिताश यादव ने बताया कि यह कार्यशाला 22 मार्च तक चलेगी, जिसमें देशभर के लगभग 250 से अधिक डॉक्टर और शोधार्थी भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और शोधकर्ताओं को क्लीनिकल रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स के उच्च मानकों और दिशानिर्देशों से अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस(जीसीपी) के सिद्धांत,नैतिक विचार और नियामक आवश्यकताएँ,रोगी सुरक्षा और डेटा की शुद्धता,नैदानिक परीक्षणों के मानक और अनुसंधान विधियाँ,देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानो के विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया। कार्यशाला में देशभर के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ एम्स, जम्मू से डॉ.वाई.के.गुप्ता, पीजीआई, चंडीगढ़ के डॉ.बिकास मेधी,डॉ. आशीष कक्कर, एम्स, दिल्ली की डॉ. जागृति भाटिया, एम्स, कल्याणी से डॉ.अर्कपाल, एम्स,नागपुर से डॉ.वारिध कटियार और डॉ.खुशबू बिष्ट ने गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस(जीसीपी) के सिद्धांतों,नैतिक विचारों,नियामक आवश्यकताओं और रोगी सुरक्षा और डेटा अखंडता को सबसे आगे रखते हुए नैदानिक परीक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इन विशेषज्ञों ने गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस (जीसीपी) के महत्व, नैदानिक परीक्षणों के नैतिक पहलुओं, नियामक आवश्यकताओं और रोगी सुरक्षा से संबंधित विषयों पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। एम्स जम्मू के डॉ. वाई. के. गुप्ता ने नैदानिक परीक्षणों के दौरान अनुसंधान की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के अनुपालन पर जोर दिया। पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. बिकास मेधी ने नैदानिक अनुसंधान में नैतिकता और डेटा अखंडता की भूमिका को स्पष्ट किया। एम्स दिल्ली की डॉ. जागृति भाटिया ने बताया कि गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस चिकित्सा अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मजबूत करता है और मरीजों के हितों की रक्षा करता है। कार्यशाला के दौरान प्रमुख रूप से डॉ. झलक पटेल, डॉ. गरिमा बंसल, डॉ. मुर्तुज़ा बोहरा, डॉ. मुकुल शर्मा, डॉ. सोनिया राणा, डॉ. जिगर चोटालिया, डॉ. शेफाली मेहता और डॉ. नेहा सक्सेना आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।