विशेष त्राटक ध्यान उत्सव
उदयपुर। आलोक संस्थान के आलोक सी. सै. स्कूल हिरण मगरी से-11 में विशेष त्राटक ध्यान उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के सभी अध्यापकों और बालक- बालिकाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया।
आलोक संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि प्रकृति कभी भेदभाव नहीं करती। प्रकृति से हमें बहुत कुछ सीखना होता है। बाधाओं से कभी डरना नहीं चाहिये। बाधाओं का डटकर मुकाबला करना चाहिये प्रकृति हमें हमेशा यही सीख देती है।
डॉ. कुमावत ने कहा कि नदियाँ, पर्वत, समुद्र, पेड़ ये सभी हमें कुछ न कुछ सीखाते है जीवन में स्थिरता का संदेश देते है। प्रकृति का धन्यवाद किया जाना जिसने हमें इतनी मूल्यवान वस्तुएँ प्रेषित की है। वृक्षों की पूजा की जानी चाहिये। इधर-उधर कचरा फैलाकर वातावरण को दूषित नहीं किया जाना चाहिये। प्रकृति हमारी जननी है। हमारा भरण-पोषण करती है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति में उपस्थित सभी वस्तुओं/संसाधनों का मन से आभार व्यक्त करना चाहिये जो हमें सदैव जीवित रहने में हमारी सहायता करते है तथा निस्वार्थ भाव से हमें सुख प्रदान करते हैं। पर्यावरण प्रकृति के प्रति कोई गलत कार्य नहीं किया चाहिये। वृक्षारोपण किये जाने चाहिये। पॉलीथीन का उपयोग निषेध होना चाहिये। भोजन को झूठा नहीं छोडऩा चाहिये। सूर्य, चन्द्रमा, वायु, वृक्ष, सरोवरों, नदियों के प्रति आभार अभिव्यक्ति प्रेषित की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सम्पदा को नष्ट् नहीं किये जाने की प्रेरणा स्वयं के साथ दूसरों को भी दी जानी चाहिये तथा इन सबके प्रति आदर भाव रखना चाहिये। संकल्पों को बालकों को जीवन में ग्रहण कर अपने व्यवहार में लाने का प्रयास किया जाना चाहिये।
Nice actions…. our best wishes Dr Kumawat.