पानी की आवक जारी
उदयपुर/बांसवाड़ा। लगातार चार दिन से हो रही रिमझिम गुरुवार को थम गई। सुबह ही सूर्यदेव ने दर्शन दिए। उधर संभाग के सबसे बड़े माही बांध के गेट आधा आधा मीटर खोले गए।
उदयपुर में सुबह धूप निकलने के बाद फिर बादल छा गए लेकिन बारिश नहीं हुई। शाम ढलते ढलते बूंदाबांदी जरूर हुई।
गुरुवार शाम को जनजाति क्षेत्रीय विकास, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया ने माही बांध स्थल पर बने कन्ट्रोल रुम में बटन दबाकर गेट खोले। मालवीया ने माही बांध में अथाह जलराशि को निहारते हुए स्व. हरिदेव जोशी को स्मरण करते हुए कहा कि बाबूजी ने वागड़ के विकास की जो परिकल्पना की थी वो आज साकार हो रही है।
माही बांध पर उमड़ा सैलाब
गुरुवार सांय जैसे ही माही बांध के गेट खुलने की सूचना मिलने पर शहरवासी व ग्रामीणजनों की भीड उमड पडी और लोग अपने-अपने वाहनों से माहीबांध स्थल पहुंचने लगे और सारे रास्ते वाहनों की भारी आवाजाही नजर आयी। लोग माहीबांध पहुंचते ही माहीबांध के खुले चार गेटों से निकलने वाली जलराशि को निहारते रहे। माहीबांध के गेट खुलने से आमलोगों में काफी उत्साह नजर आया और लोग इन नजरों को देखने के लिए माहीबांध की ओर रूख किया और गिरती जलराशि का आनंद उठाया। गत वर्ष 27 अगस्त,2011 को माहीबांध के दस गेट पचास-पचास सेन्टीमीटर खोले गए थे।