udaipur. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संगठक मात्स्यकी महाविद्यालय मे नये शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए फ्रेशर्स डे मनाया गया।
पूरे दिन नव आगन्तुक छात्र-छात्रओं एवं सीनियर्स द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। इस क्रम मे एकल व समूह गान, एकल व समूह नृत्य, एकांकी, पारम्परिक वेशभूषा एवं प्रश्नोत्तरी की प्रतियागिताएं हुईं। प्रतियागिताओं के आधार पर बीएफएससी प्रथम वर्ष मे संतोष एवं कन्हैयालाल को मिस व मिस्टर फ्रेशर तथा बीएफएससी द्वितीय वर्ष में खुशबू रानी एवं खेमराज को मिस व मिस्टर फ्रेशर चुना गया। एमएफएससी प्रथम वर्ष में नकुल भट्ट को मिस्टर फ्रेशर चुना गया। कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुतियों का सभी छात्र—छात्रओं एवं अतिथियों ने जमकर लुत्फ उठाया। सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। संचालन नकुल भट्ट, मनीष मेहता व खुश्बू रानी ने किया तथा धन्यवाद ड़ा अशोक गुप्ता ने किया।
इससे पहले मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. विरेन्द्र नेपालिया ने नवागुन्तक विद्यार्थियों का स्वागत करते हुऐ उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। ड़ॉ. नेपालिया ने ग्रामीण क्षेत्रों से आये विद्यार्थियों को आगाह किया कि उन्हें अपना ध्यान शहरी चकाचौंध से हटाकर अध्ययन एवं अपने शारीरिक व सह—शैक्षणिक गतिविधियों पर केन्द्रित करना होगा। विशिष्ट अतिथि प्रौ. वी. एस. दुर्वे ने कहा कि आज प्रदेश मे मात्स्यकी महाविद्यालय के विकास का उनका सपना साकार हो रहा है। यह अपनी स्थापना के समय उत्तर भारत का पहला मात्स्यकी महाविद्यालय है।
विशिष्ट अतिथि मात्स्यकी महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ.एल.एल.शर्मा ने बताया कि देश की बढती आबादी के मध्य नजर आगामी वर्षों में उच्च क्वालिटी का जैविक प्रोटीन उपलब्ध कराने के लिए मछली पालको के कन्धों पर विशेष भार है। मछली पालन एक तेजी से बढता उद्यम है और इस क्षैत्र मे रोजगार की विपुल सम्भावनाएं छिपी है। उन्होंने मात्स्यकी का अध्ययन कर रहे नव-आगन्तुक छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ विमल शर्मा ने अतिथियों एवं नव-आगन्तुक छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुऐ महाविद्यालय मे संचालित पाठ्यक्रमों एवं महाविद्यालय की स्थापना पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्ष २००३ में महाविद्यालय की स्थापना के पश्चात् स्नातक स्तर पर बी एफ एस सी का यह चतुर्थ बैच अध्ययनरत् हैैै। विगत बैच के स्नात्तकोत्तर— एम एफ एस सी विद्यार्थियों को शत प्रतिशत रोजगार मिला है। राज्य सरकार से प्राप्त आर्थिक मदद से महाविद्यालय में संसाधनों का विकास—युद्ध स्तर पर जारी है। महाविद्यालय में नवीन प्रयोगशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण जारी है एवं छात्राओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था भी की जा रही हैै। उन्होंने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुऐ अच्छा शैक्षणिक वातावरण, शालीनता एवं आपसी स्नेह बनाये रखने की सलाह दी।