हाईकोर्ट के आदेश की प्रति का इंतजार
सात दिन की मिली है मोहलत
udaipur. राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) ने उदयपुर में झीलों के आसपास निर्माण निषेध क्षेत्र में अतिक्रमण तोड़ने के आदेश दे दिए लेकिन अफसोस कि अब तक प्रशासन सहित सम्बदन्धित विभागों को अब तक ये भी पता नहीं चल पा रहा है कि अतिक्रमण है कहां और किन्हें तोड़ा जाए।
आदेश की कॉपी अब तक इनके पास नहीं पहुंची है और हाईकोर्ट ने 7 दिन में अतिक्रमण हटाने की मोहलत दी है। जनप्रतिनिधियों से इस सम्बन्ध में कार्रवाई की उम्मीद इसलिए कम लगती है कि गत दिनों एक मीटिंग में नगर परिषद सभापति तो निर्माण निषेध क्षेत्रों में निर्माणों को नियमित करने की अपील भी कर चुकी हैं, यह गुजारिश करके कि इन क्षेत्रों में बने मकानों में रहने वाले परिवार अब बडे़ हो चुके हैं। उनके परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ने के कारण कमरों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि झील क्षेत्र में दो बड़े समूहों की होटलों सहित चालीस से अधिक अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश दिए गए। नो कंस्ट्रक्शन जोन में हुए निर्माण में बड़े बड़े दिग्गज शामिल हैं। लोगों में चर्चा यह है कि किसकी हिम्मत है जो सिटी पैलेस के अधीन फतहप्रकाश होटल के तीस कमरों को हटाने की कार्रवाई करे.. या सिंघल हाउस (पेस्टीसाइड्स ग्रुप) के निवास में किए गए विस्तार को तोड़ पाएगा। झीलों से संबंधित जनहित याचिका वर्ष 1999 में दायर की गई थी जिस पर वर्ष 2007 में निर्णय हुआ, लेकिन अदालत के आदेश की अनदेखी करने पर राजदान ने वर्ष 2010 में अवमानना याचिका दायर की थी।