udaipur. आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री अमर मुनि वानप्रस्थ ने कहा कि भौतिक उन्नति के साथ आध्यात्मिक उन्नति से ही राष्ट्र की उन्नति संभव है। वे गुलाबबाग स्थित नवलखा महल में सत्यातर्थ प्रकाश महोत्साव 2012 के समापन पर तीसरे दिन संबोधित कर रहे थे।
डॉ. रघुवीर वेदालंकार ने कहा कि जब देश के नेता चरित्रवान व वेदज्ञ होते हैं तभी राष्ट्र की उन्नति होती हैं। आर. डी. गुप्ता ने कहा कि चारों आश्रम के सुदृढ़ होने पर राष्ट्र की उन्नति होती है। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का आयोजन यज्ञ से हुआ जिनके ब्रह्मा क्रमश: डॉ.सोमदेव शास्त्री, मुम्बई, आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय दिल्ली एवं व्याकरणाचार्य हरिप्रसाद नोयडा थे।
आध्यात्मिक प्रवचन : डॉ. सोमदेव शास्त्री ने ईश्व र की स्तुति, प्रार्थना, उपासना करने के कारणों पर कहा कि मानव अज्ञान, अविद्या के कारण अशांत व दुखी होता है। ब्रह्म यज्ञ व देव यज्ञ से वह दुखों से दूर हो सकता है। आचार्य हरिप्रसाद ने कहा कि न्यायकारी ईश्वर मनुष्य को उनके कर्मों के अनुसार यथावत् फल प्रदान करता है।
महोत्सव का मुख्य आकर्षण दो सत्रीय सत्यार्थ प्रकाश कार्यशाला का आयोजन रहा जिसकी अध्यक्षता स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती पीपराली ने की। शिरोमणि सभा के प्रधान, उप प्रधान, सभी राज्यों की आर्य प्रतिनिधि सभाओं के प्रधान व पदाधिकारीगण, आर्य समाज के पदाधिकारीगण,आर्य जगत् के संन्यासीगण,आर्य जगत् के प्रमुख संन्यासीगणों व मूर्धन्य विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
सत्यार्थ प्रकाश एवं समाजोदय : पूज्यपाद स्वामी ओम आनन्द सरस्वती, चित्तौडगढ़ की अध्यक्षता में हुआ। आचार्य हनुवंत सिंह ने कहा कि जब तक समाज की ईकाई परिवार सुव्यवस्थित नहीं होते समाज की उन्नति संभव नहीं है। आचार्य वेदप्रिय शास्त्री ने कहा कि जब तक ऋषि प्रदत्त वैदिक विचारधारा को क्रियान्वित नहीं किया जायेगा तब तक ऋषि के सपनों का समाज स्थापित नहीं किया जा सकता। संचालन प्राचार्य सीमा श्रीमाली ने किया।