तीन मुनियों ने किया कैश लोच
udaipur. आचार्य अभिनंदन सागर महाराज, मुनि पावनसागर महाराज व मुनि अर्पित सागर व मुनि शरद पूर्णिमा सागर महाराज का आज बैंक तिराहे पर हजारों धर्मप्रेमियों की उपस्थिति के बीच भव्य कैश लोच समारोह सम्पन्न हुआ। आचार्य सहित सभी मुनि अपना-अपना कैश लोच करते रहे लेकिन उनके चेहरे पर तनिक मात्र भी दुख की पीड़ा दिखाई नहीं दी।
वहां उपस्थित जनता के चेहरे पर कैश लोच के समय उभरने वाली पीड़ा को स्वयं महसूस कर रही थी। मुनिजनों के चेहरे पर पीड़ा के स्थान पर मुस्कराहट थी जो यह बयां कर रही थी कि यही तप साधना है और प्रत्येक मनुष्य को इसे अपनाना चाहिये। मुख्य अतिथि सांसद रघुवीर मीणा थे। धर्मसभा को संबोधित करते हुए सांसद मीणा ने कहा कि जैन साधुओं की त्याग व तपस्या से प्रेरणा लेनी चाहिए। आचार्य अभिनंदन सागर महाराज ने कहा कि कच्चे नारियल की तरह अंदर-बाहर एकात्म को भंग करने एंव सूखे नारियल की तरह अंदर-बाहर पृथकत्व भाव का उत्थान करने हेतु दिगम्बर श्रमण 2 से 4 माह के भीतर कैश लोच करते है। आप सभी पुज्यवान है तो क्रिया एकान्त साधना के रूप में की जाती है वह आपको सार्वजनिक रूप से देखने को मिल रही है ताकि तप की प्रेरणा आपको भी प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर मुनि अनुभव सागर महाराज ने कहा कि हमें मात्र शब्द जैसा नहीं वरन् अर्थ नैत्री बनना है। मात्र मांस का सेवन करना ही अहिंसा नहीं है वरन् पांचो इन्द्रियों द्वारा हिंसात्मक विषयों को प्रवेश नहीं होने देना ही अहिंसा है। आर्यिका प्रज्ञामति ने कहा कि मां कहीं जाने वाली माता का व्यापार हो रहा है। यंहा आचार्यो द्वारा यही संदेश दिया जाता है कि मां व मुल्क को बेचा नहीं जाता लेकिन इसके विपरीत वहीं काम हम कर रहे है।
चातुर्मास समिति के परम संरक्षक सेठ शान्तिलाल नागदा ने बताया कि इससे पूर्व आचार्य सहित सभी मुनियों को बैण्ड बाजों के साथ लखारा चौक, मण्डी, देहलीगेट होते हुए बैंक तिराहे पर हजारों श्रद्धालुओं के साथ शोभा यात्रा के रूप में लाया गया। इस अवसर पर आचार्य सहित सभी मुनियों का कैश लोचन झेलने, पिच्छी झेलाने तथा शास्त्र भेंट करने का लाभ अनेक धर्मप्रेमियों ने लिया। प्रारंभ में शांतिलाल वेलावत एंव जयकुमार कारवां परिवार ने आचार्य शांतिसागर महाराज के चित्र का अनावरण किया। इस अवसर पर आर्यिका चेत्यमति माताजी ने मंगलाचरण प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन राजेश देवड़ा ने किया। आज तेरापंथ भवन जाते हुए ब्रह्मपुरी क्षेत्र में दो दिगम्बर जैन संतों का मिलन हुआ जिसे देख प्रत्येक धर्मप्रेमी का ह्दय बाग-बाग हो गया।
कवि सम्मेलन कल : चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार समिति के हेमन्त गदिया ने बताया कि सेामवार रात्रि साढ़े सात बजे बीसा हुमड़ भवन में आचार्य के सानिध्य में एक शाम दीक्षर्थियों के नाम नामक कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें अब्दुल गफ्फार, अशोक सिंघवी मंथन, छत्रपाल शिवाजी, रासबिहारी गौड़ तथा कवियित्री दीपिका माही कविता पाठ करेंगी। कवि सम्मेलन के सूत्रधार कवि प्रकाश नागौरी होंगे। मुख्य अतिथि गजेन्द्र आंचलिया व हेमलता आंचलिया होगी।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष जनकराज सोनी ने बताया कि 20 अक्टूबर को दीक्षार्थियों की बिन्दोली निकाली जाएगी। बिन्दोली गजेन्द्र आंचलिया के निवास मोती चोहट्टा स्थित करजाली हाऊस से प्रांरभ होगी जो पार्श्वदनाथ मंदिर, मण्डी की नाल, धानमण्डी, लखारा चौक होती हुई बीसा हुमड़ भवन पहुंचेगी।