मौके पर तनाव, पहुंचे अधिकारी
उदयपुर. गत रविवार को हुई बारिश शहर में एक बार तो कहर ढा गई लेकिन उधर रूप सागर तालाब के पेटे में बने मकानों से पानी अब तक नहीं निकल पाया है. गुरुवार को क्षेत्र वासियों में तनाव हो गया. उल्लेखनीय है कि वर्ष २००६ में भी इन्ही क्षेत्रों में बाढ़ आई थी।
बताया गया कि उस समय भी इतने दिन तक पानी नहीं भरा रहा तो इस बार ऐसा क्या हुआ कि पानी निकल ही नहीं पा रहा है। जानकारों के अनुसार रूप सागर तालाब क्षेत्र में पानी निकलने के लिए पहले मोखे बने हुए थे जिनसे पानी आसानी से निकल रहा था लेकिन इस दौरान वो मोखे कथित शरारती तत्वों द्वारा सीमेंट के कट्टे डाल कर बंद कर दिए गए। इन तत्वों ने यू आई टी के अधिकारीयों से मिलीभगत कर आगे प्लाट काटे और खासे दामों में विक्रय किये. पानी को निकलने के लिए जगह नहीं मिल रही और वो लगातार पाल से टकरा रहा है। आखिरकार पाल को नुकसान हो रहा है।
बताया गया कि इसका विरोध करने वाले भोले-भाले गाँव वासियों को उकसाया गया है। पानी भरा रहने वाली बस्तियां न्यू अरिहंत नगर, पंजाबी बाग, नाकोडा नगर आदि हैं। गाँव के लोगों का कहना है कि अगर पाल तोड़ी गई तो उनके मवेशी पानी पीने कहाँ जायेंगे। अगर पाल टूटती है तो नीचे की कुछ कॉलोनियां न्यू केशव नगर आदि को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर नहीं तोड़ी गई तो उपरोक्त जिन कॉलोनियों में पानी भरा है, वे समस्या से ग्रस्त ही रहेंगे। हालांकि मामला सुलझाने के लिए जिला कलक्टर हेमंत गेरा सहित नगर विकास प्रन्यास, नगर परिषद आदि के अधिकारी गुरुवार रात तक मौके पर ही मौजूद थे।