udaipur. दशहरा पर्व पर सुबह कई स्थानों पर नवरात्रा में प्रतिष्ठापित माता की प्रतिमाओं का विसर्जन धूमधाम से किया गया। कई स्थानों पर पाती ओराई गई तो घट व ज्वारे विसर्जन भी हुए। नीमज माता व खेमज माता का भी मिलन हुआ और पाती विसर्जन किया गया।
सुबह से विसर्जन का दौर शुरू हुआ। गणगौर घाट पर सुबह परंपरागत घट के साथ गरबा रमने वाले गुजराती मोची समाज के लोग रास्ते भर गरबा करते पहुंचे और विसर्जन किया। शिखर पर विराजित नीमज माता के यहां से भक्त यहां बोए ज्वारे व नीमज माता की प्रतीकात्मनक प्रतिमा लेकर शोभायात्रा के रूप में नीचे खेमज माता मंदिर पहुंचे जहां दोनों बहनों का मिलन हुआ। इस दौरान माता के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। यहां करीब एक घंटे तक भजन कीर्तन हुआ। मान्यता है कि दोनों मंदिरों में स्थायपित मूर्तियां बहनों की हैं। वर्ष में एक बार दोनों बहनों का मिलन होता है। फिर दोनों मंदिरों के ज्वारे एक साथ लेकर विसर्जन किया गया।