udiapur. खेल हमें जोड़ते हैं। आपस में भाईचारे का भाव जागृत कर अनुशासन एवं जीवन शक्ति की प्रेरणा प्रदान करते हैं और परिणाम की चिंता न करते हुए प्रेमपूर्वक प्रतिस्पर्धा में हमें भाग लेना चाहिए। ये विचार मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय अधिष्ठाता प्रो. कैलाशचन्द्र सोडानी ने व्यक्त किए।
वे निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के तत्वावधान में जगदगुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वाविद्यालय जयपुर द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय खेलकूद के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंलने कहा कि महंतजी ने शिक्षा संस्कृति एवं समर्ग विकास की त्रिवेणी समाज को प्रदान की, वही हमारे सर्वांगीण विकास का मूलाधार है।
डॉ. गोपालसिंह राठौड़ ने संस्था परिचय देते हुए कहा कि महंत मुरली मनोहर शरण शास्त्री शिक्षा व खेल के प्रति समर्पित व्यक्तित्व थे जिनका तप आज सफलता को प्रदान करते हुए हमारा मार्ग प्रशस्त कर रहा है। संस्कृत विश्व विद्यालय के स्पोर्ट्स डायरेक्टर सुरेन्द्रसिंह शेखावत ने समर्पण भाव से खेल को खेलने की बात कहकर छात्रों का उत्साह वर्धन किया। डॉ. शिवदानसिंह ने प्रतियोगिता का परिचय प्रस्तुत किया। प्रो. भरतलाल सुखवाल ने शांतिमंत्र से मंत्राशीर्वाद प्रदान किया। भगवतीलाल सुखवाल ने समस्त टीमों का अभिनन्दन करते हुए संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों का स्वागत किया। पूर्व शिक्षा उपनिदेशक मुरली मनोहर शर्मा ने स्वागत करते हुए खेल को शिक्षा का अभिन्न अंग बताया। मुख्य अतिथि द्वारा दलों का निरीक्षण पुलिस बैंड की ओजमयी धुन पर अभिमुख प्रयाण ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम की उदघोषणा हुई। अतिथियों का स्वागत केन्द्राध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र द्विवेदी ने किया। अध्यक्षीय उद्बोधन महंत राधाकृष्ण दास ने दिया। मुख्य अतिथि ने वरिष्ठे क्रीडा़ प्रशिक्षक मदनसिंह रावल का अभिनंदन किया। प्रतियोगिता में राजस्थान के अंचलों से 16 टीमें भाग ले रही हैं जिनमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, चुरू, सीकर , बांसवाडा, उदयपुर राजसमंद, कपासन, चित्तौड़ आदि है।