समसामयिक दबाव से लुप्त हो जाएगी विरासत
विशेषज्ञों के मंथन में मिला विश्व जीवंत विरासत का अमृत
udaipur. विरासत को यदि संरक्षण प्रदान कर जीवंत बनाना है तो विरासत को स्वयं के पैरों पर खड़ी करने की आवश्यतकता है। विरासत अपने साथ न केवल ऐतिहासिक धरोहर, संस्कृति, कला, शिक्षा, परंपरा को समेटे रखती है बल्कि भविष्य के लिए मार्गदर्शक का काम भी करती है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि विरासत को जीवंत रखने के लिए उसे वह सुविधाएं दी जाएं जो कि वक्त के हिसाब से उचित हों। दबाव विश्व भर की विरासत संरक्षण में बाधित हो रहे हैं।
यह तथ्य। मंगलवार को दरबार हॉल में आयोजित विश्व जीवंत विरासत महोत्सव के पहले दिन हुई कार्यशाला में उभरकर आए। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन एवं यूनेस्को की भारत इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वर्ल्ड लिविंग हेरिटेज महोत्सव पर कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। उद्घाटन महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के अध्यक्ष अरविंदसिंह मेवाड़ ने किया। यूनेस्को नई दिल्ली की सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विशेषज्ञ श्रीमती मोए छिबा ने विरासत संरक्षण के लिए भारत के पड़ोसी देश चीन, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका से सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं विभिन्न उत्सवों पर कलाकारों के प्रदर्शन के माध्यम से विरासत को जीवंत बनाने की बात कही। इस अवसर पर इंटरनेशनल कमेटी ऑफ इंटेजीबल कल्चरल हेरिटेज आस्ट्रेलिया के अध्यक्ष मर्लिन क्लेरी ट्रसकोर्ट ने भारत की विरासत को जीवंत रूप से बनाने पर सरकार के साथ ही निजी संस्थाओं के प्रयासों पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में अरविंदसिंह मेवाड़ ने कहा कि विरासत भविष्य में इतिहास हो सकती है और आगे जाकर लुप्तप्राय भी हो सकती है। किंतु विरासत का उचित संरक्षण, संवर्धन ही उसे जीवंत बनाए रख सकता है।
महोत्सव की मुख्य समन्वयक वृंदा राजे सिंह ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया। जयपुर की प्रसिद्ध इतिहासविद रीना हूजा ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक मेवाड़ का इतिहास के कुछ अंशों का उदाहरण देकर मेवाड़ की जीवंत विरासत को विश्व भर में प्रेरणादायी बताया। कार्यशाला के दूसरे सत्र में भोपाल के अजय खेर, इंडियन हेरिटेज सिटीज नेटवर्क मैसूर के के.एस. रायकर, दिल्ली के डॉ. विनयशील गौतम, इंटरनेशनल कौंसिल ऑन मोनूमेंट्स एण्ड साइट्स नई दिल्ली की तारा शर्मा ने व्याख्यान दिया। संचालन नई दिल्ली के राजू मनसुखानी ने किया। 28 नवंबर को जगमंदिर में सूफी कत्थक नृत्यकार मंजरी चतुर्वेदी अवध और दिल्ली के कव्वालों की जुगलबंदी में राधा रास प्रस्तुत करेगी। कार्यक्रम में निमंत्रण पत्र के माध्यम से ही शिरकत हो सकेगी।