सनराईज में अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग सेमिनार का समापन
Udaipur. सनराईज ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन में शुक्रवार से शुरू हुई अंतरराष्ट्रींय ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग सेमिनार के दूसरे दिन विशेषज्ञों व टीम ने उदयपुर के विभिन्न चौराहों का निरीक्षण किया। इसमें पाया गया कि शहर का यातायात काफी हद तक टेम्पो व भारवाहन टेम्पोर बाधित कर रहे थे। साथ ही ये यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
प्रो. डींगरा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उदियापोल, सूरजपोल और देहलीगेट चौराहे पर बहुत ज्यादा ट्राफिक पाया गया। इन चौराहों से बडे़ वाहन गुजरते है जो कि बीच रास्ते में ही सवारियां उतारते व चढा़ते हैं जिसके कारण यातायात काफी बाधित होता है। उक्त वाहनों को शहर से बाहर ही रोक दिया जाए तथा सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग किया जाए तो यातायात व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है।
आईआईएससी बेंगलोर के डॉ. आशीष ने सुझाव दिया कि सूरजपोल चौराहे पर सिग्नल की जगह रोटरी (Round about) बनाई जा सकती है इसके लिए आवश्य कता है कि वाहनों की संख्याओं का निरीक्षण किया जाए व सॉफ्टवेयर के अनुकरण के आधार पर प्रस्तावित सुझावों की सफलता की जांच की जाए। चौराहों के चारों ओर बनी अवैध पार्किंग को हटाया जाए तथा यातायात सिग्नल के समय को भी व्यवस्थित किया जाए। देहलीगेट चौराहे के बगल में नेहरू बाजार से निकलने वाला छोटा सा चोराहा काफी दिक्कत कर रहा है। इस वजह से देहलीगेट चौराहा न होकर पंचराहा बन गया है। उसकी पूरी ज्यामिति को बदलने की जरूरत बताई।
सनराईज के प्रिंसिपल गजंफ्फर ने बताया कि फुटपाथ तथा बीच रास्ते पर अतिक्रमण है जिसे हटाकर यातायात में हो रहे व्यवधान को दूर किया जा सकता है। शहर में अण्डरग्राउण्ड पार्किंग बनाने की व्यवस्था करनी चाहिए। देहलीगेट पर बहुत सारे रेस्टॉरेन्ट हैं, पर किसी के पास भी पार्किंग सुविधा नहीं है। सरकार को चाहिये कि वहां पर सभी इमारतों को अनिवार्य करे कि वो अपनी पार्किंग अपनी इमारतों में दे।
सनराईज ग्रुप ऑफ इन्स्टीटयूशन की टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि चौराहों के आसपास पहले से ही पार्किंग की काफी समस्या है तो भी उन चौराहो पर नई इमारतों के निर्माण कार्य चल रहे है जिसके कारण भविष्य् में यातायात तथा पार्किंग की हालात अत्यन्त गंभीर समस्या बन जाएगी जिसकी तरफ आज किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। सरकार को चाहिए कि चौराहों तथा उनके उनके आसपास बिना पार्किंग के निर्माण की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
ग्रुप के चेयरमेन राजानी ने बताया कि उदयपुर शहर तकनीकी यातायात प्रणाणी में काफी पिछडा हुआ है। यातायात व्यवस्था में सुधार की श्रंखला में आगे सनराईज कॉलेज की टीम पूरे शहर की प्लानिंग करके उसके मॉडल को यूआईटी और नगर परिषद को देगी। इसमें सरकार के वर्तमान शहर विस्तार के प्लान को शामिल किया जायेगा। अगले दो साल तक पूरे शहर का सर्वे किया जायेगा और मॉडल सिटी का नक्शाश बनाया जाएगा। इस सर्वे में ट्राफिक का विडियों रिकॉर्डिंग किया जायेगा और सॉफ्टवेयर के जरिये उसका विश्ले षण किया जायेगा। निरीक्षण करने गई टीम में सनराईज ग्रुप ऑफ इन्सटीट्यूशन के चेयरमेन हरीश राजानी, आई.आई.टी. से प्रो. डींगरा, आईआईएससी से डॉ. आशीष वर्मा, ईरान से अली हाकिम, तनवीर आलम, सीटीएई के श्री शेखावत, हिमांशु जैन आदि शामिल थे।
सेमिनार के अन्तिम दिन निम्न प्रस्ताव दिए गये –
– 5 जून 2013 को पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में वाहन रहित शहर के रूप में मनाया जाए जिस दिन शहर की जनता पैदल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही उपयोग करे। न कि अपने निजी वाहनों का। इस दिन सनराइज ने अपनी सभी बसें मुख्य मार्गों पर निशुल्क चलाने की घोषणा की। इसके लिए सरकार से मंजूरी मांगी जायेगी।
– सनराईज कॉलेज की टीम पूरे शहर की सर्वे कर प्लानिंग करके यातायात व्यवस्था में सूधार हेतु उनके मॉडल को यूआईटी और नगर परिषद को देगी।
– यातायात सुधार से जुडे़ निर्माण के किसी भी बडे़ खर्च को करने से पहले विजिम सॉफ्टवेयर के जरिये उसके परिणाम को जांच कर किया जाएगा जिससे व्यर्थ होने वाले बडे़ आर्थिक खर्च से बचा जा सकेगा।
– उदयपुर में उदियापोल से देहलीगेट तक प्रस्तावित फ्लाईओवर की जगह का निरीक्षण प्रो. डिंगरा व डॉ. आशीष को कराया गया जिसका अध्ययन करने के पश्चा त् वे अपनी डिजाइन सनराइज कॉलेज को भेजेंगे। जिसे कॉलेज द्वारा आगे की कार्यवाही के लिए सरकारी विभागों को दिया जाएगा।
– उदयपुर शहर के आन्तरिक भाग जैसे हाथीपोल, घण्टाघर, जगदीश चौक आदि में छोटे पब्लिक वाहनों जैसे कि गोल्फ कार, बैटरी संचालित वाहन, पैडल वाहन का प्रयोग किया जाए जो कि ट्यूरिस्ट को भी आकर्षित करेंगे।
अन्त में सनराइज कॉलेज के हिमांशु जैन ने सेमिनार में भाग लेने वाले सभी विशेषज्ञों एवं सहभागियों को अपना अमूल्य योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया तथा भविष्य में होने वाले सेमिनार में पूर्ण सहयोग देने की अपेक्षा व्यक्त की।