Udaipur. देश में सर्वत्र भ्रष्टाचार, कदाचार से ओतप्रोत परिवेश नजर आता है। राम कृष्ण का यह प्यारा देश जो पूरे विश्व को सदाचार की शिक्षा देता था। आज स्वयं प्रश्नों के घेरे में है। इसके मूल में नितान्त भौतिकता की ओर अग्रसर होना है। ये विचार आर्य पद्मिनी कन्या गुरुकुल, चित्तौनड़ के अधिष्ठाता डॉ. ओम आनन्द सरस्वती ने व्यक्त किए।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अजित गुप्ता ने सत्यार्थ-सौरभ के एक वर्ष पूर्ण होने पर वार्षिक समीक्षा सत्र में उपयोगी सुझाव दिए। वैदिक संस्कृति पर आधारित समरसता प्रवाहित करने वाली शिक्षाओं को जन-जन तक प्रसारण की अत्यन्त आवश्यृकता का अनुभव करते हुए श्रीमद् दयानन्द सत्यार्थ प्रकाश न्यास की ‘ऑनलाईन प्रतियोगिता’ का लोकार्पण ओम आनन्द सरस्वती, सुरेश मित्तसल फतहनगर, मोतीलाल आर्य आबूरोड़ ने किया। न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक आर्य ने बताया कि आर्यरत्न ओम् प्रकाश (म्यांमार) की स्मृति में पुरस्कार भी दिया जाएगा। आर्य समाज फतहनगर, आर्य समाज सनवाड़, आर्य समाज हिरणमगरी व नगर के आर्यों की ओर से अशोक आर्य का अभिनन्दन किया गया। संचालन डॉ. अमृतलाल तापडिय़ा ने किया। सभा प्रारम्भ होने पर सभी का स्वागत न्यास मंत्री भवानीदास आर्य ने किया।