Udaipur. गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में उदयपुर निवासी 25 वर्षीय महिला के दाएं स्तन से सात गुणा सात इंच की ढाई किलो वजनी गांठ ऑपरेशन से सफलतापूर्वक निकाली गई।
गर्भावस्था के नवें माह में महिला के सीजेरियन ऑपरेशन से शिशु का जन्म हुआ था। प्रसव के चार दिन बाद महिला का ऑपरेशन कर दाएं स्तन से यह गांठ निकाली गई। हॉस्पिटल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. पी. एन. माथुर ने बताया कि महिला के गर्भवस्था के सातवें माह में दाएं स्तन में गांठ हो गई थी। यह गांठ तीव्र गति से बड़ी हो रही थी। इस वजह से महिला को भारीपन, असहजता महसूस हो रही थी। महिला को शिशुको स्तनपान करने में भी तकलीफ हो सकती थी। गर्भधारण के नवें माह में सिजेरियन ऑपरेशन से महिला ने शिशु को जन्म दिया। इसके चार दिन बाद ही महिला के स्तन से इस गांठ को सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर निकाला गया।
यह गांठ फीलोईड्स ट्यूमर ऑफ ब्रेस्ट थी। स्तनों में पाए जाने वाली गांठों में करीब 0.3 प्रतिशत गांठ ही इस तरह की होती है। 10 लाख महिलाओं में से करीब 2 महिलाओं में ही यह गांठ होने के संभावना होती है। कभी-कभी इस तरह की गांठ कैंसर का रूप भी धारण कर लेती है। गांठ निकालने के बाद महिला स्वस्थ है। वह शिशु को सामान्य रूप से स्तनपान भी करा पा रही है। यह ऑपरेशन हॉस्पिटल के वरिष्ठक सर्जन डॉ. सी.पी. जोशी, डॉ. पी. एन. माथुर, निश्चेहतना विशेषज्ञ डॉ. एस. एस. जैतावत एवं डॉ. राकेश कुशवाह के दल ने किया।