Udaipur. टेक्नो इंडिया एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी में आकाश एन्ड्रॉइड की चार दिवसीय प्रोग्रामिंग कार्यशाला के तहत दो दिनी कार्यशाला का समापन रविवार को हुआ। अगली दो दिवसीय कार्यशला 2-3 मार्च को होगी। कार्यशाला का आयोजन नेशनल मिशन ऑन एज्यूकेशन थ्रू आईसीटी और आईआईटी मुंबई के तत्वावधान में किया गया।
यह सर्वमान्य है कि शिक्षा की गुणवत्ताऑ में सूचना और कम्यूनिकेशन टेक्नोलोजी के माध्यम से ही सुधार लाया जा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अक्टूबर 2011 में शुरू किया गया ‘आकाश’ टेबलेट कम लागत का कंप्यूटिंग उपकरण हैं. हमारे अध्यापकों और छात्रों को एम्पावर करने में आकाश काफी सहयोगी साबित हुआ है। आईआईटी मुंबई ने इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को आकाश की एन्ड्रॉइड एप्लीकेशंस में ट्रेनिंग देने का उद्देश्य रखा है। कक्षाओं में किस तरह यह उपयोगी साबित हो सकता है और एज्यूकेशनल एप्लीकेशंस और आकाश के कंटेन्ट्स में किस तरह विकास किया जा सकता है और यह बीई, एमसीए और एमई के स्टुडेन्ट्स के प्रोजेक्ट रिसर्च में भी सहायक हो सकता है। कार्यशाला में एन्ड्रॉइड एप्लीकेशंस प्रोग्रामिंग, एन्ड्रॉइड के साथ स्टार्ट, एन्ड्रॉइड बिल्डिंग ब्लॉक्स, ले आउट, एन्ड्रॉईइड एप्लीकेशंस रिसोर्सेज, डेटा स्टोरेज, वेब एप्लीकेशन डवलपमेंट, पब्लिशिंग युअर एप्लीकेशन विषय आदि शामिल किए गए। कार्यशाला को नेशनल मिशन ऑन एज्यूकेशन थ्रू आईसीटी ने प्रायोजित किया है। आकाश प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर पीयूष जवेरिया ने बताया कि एन्ड्रॉथइड ऑपरेटिंग सिस्टरम के तहत लाइनक्स में आकाश को तैयार किया गया है।
उपयोगकर्ता इसमें सी, सी++, पायथन, साइलेब आदि के कारण इसमें लिख सकते हैं और प्रोग्राम चला सकते हैं। इसमें एक गीगा हर्ट्ज का प्रोसेसर है और 512 एमबी रैम है। इसमें 7 इंच की स्क्रीन है। एक यूएसबी पोर्ट और माइक्रो एसडी कार्ड स्लॉट है। साथ ही इसकी बैटरी तीन घंटे तक चल सकती है। उन्होंने बताया कि प्री फाइनल और फाइनल के इंजीनियरिंग छात्रों ने कार्यशाला में रजिस्ट्रेशन कराया है। उन्हें आकाश को चलाने का मौका मिला है। पहले दिन बेसिक ऑफ जावा और एन्ड्रॉलइड विद डवलपमेंट ऑफ सिंपल एन्ड्रॉइड एप्लीकेशन डवलपमेंट की जानकारी दी गई। छात्र आकाश टेबलेट पर नेशनल सॉफ्टवेयर डवलपमेंट कम्पीटिशन में हिस्सा लेकर एक लाख रुपए के पुरस्कार भी जीत सकते हैं।