गांधी शिल्प मेले की बिक्री साढ़े 32 लाख
Udaipur. रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी (रूडा) द्वारा टाऊनहॉल में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ‘गांधी शिल्प बाजार 2013’ की बिक्री सातवें दिन साढ़े बत्तीस लाख पार कर गई। मेले में हर वर्ग के लोग पहुंच कर अपने मन पसन्दीदा उत्पाद खरीद रहे है।
रूडा के दिनेश सेठी ने बताया कि 3 मार्च को मेले का अंतिम दिन है। देश के विभिन्न कोनों से आये हस्त कारीगरों एंव शिल्पकारों में भारी उत्साह है। कल सांय 7 बजे टाऊनहॉल परिसर में पर्यटन विभाग की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। कोलकाता की पहिचान बना कांथा वर्क-कलकत्ता से आये हस्त कारीगर एस. के. नाजि़र हुसैन ने बताया कि कोलकाता के हस्त कारीगरों द्वारा बहुत बारीकी से एंव समूह में कार्य करने से कांथा वर्क के जरिए तैयार होने वाले उत्पाद ने पश्चिम बंगाल की इस कला को देश में एक नई पहिचान दिलायी। आज इसी वर्क ने देश के विभिन्न प्रान्तों में रहने वालों के दिलों में अपनी जगह बनायी है। उदयपुर में भी इस वर्क के साथ-साथ कलकत्ता के अन्य वर्क भरवां कड़ाई, कश्मीरी वर्क, शान्ति निकेतन के नाम से की जाने वाली कढ़ाई को जनता द्वारा विशेष पसन्द किया जा रहा है। ये सभी कलकत्ता के प्रसिद्ध हैण्ड वर्क है। सभी प्रकार के वर्क कॉटन, टसरसिल्क, कोटा डोरिया, बोम्बे डांइग बेडशीट, साड़ी, सलवार सूट, कुर्ते आदि पर काफी बारीकी से किये जाते हैं। घर के सदस्यों द्वारा समूह में समिति बनाकर उपरोक्त उत्पादों को तैयार किया जाता है। मेले में 15 रूपए के रूमाल से लेकर 900 रूपए तक की साड़ी, बेडशीट उपलब्ध है।