Udaipur. युवक कांग्रेस के चुनावों को लेकर इतने दिनों से जो कशमकश चल रही थी वो शनिवार को थम गई। नतीजे कुछ भी हों लेकिन इनसे जिला एवं प्रदेश स्तर पर अपने अपने कद को बढ़ाने या बरकरार रखने की कोशिशों का पता चल जाएगा। इसके अतिरिक्त इस बार के यूथ कांग्रेस के चुनाव इसलिए भी याद रखे जाएंगे कि किसी समय एक एमएलए के चुनाव में खर्च होने वाली राशि सिर्फ यूथ कांग्रेस के चुनाव में हो गई।
हालांकि उदयपुर कांग्रेस में यूं तो मुख्य रूप से दो गुट गिरिजा व्यास एवं डॉ. सी. पी. जोशी के ही माने जाते रहे हैं लेकिन अब सांसद रघुवीर मीणा का गुट भी धीरे धीरे परवान चढ़ चुका है वहीं खेमराज कटारा के निधन के बाद उनकी खाली हुई जगह की पूर्ति करने का प्रयास कर रहे उनके पुत्र विवेक कटारा व उनका माता सज्जन कटारा भी खुद का एक अलग गुट मनवाने में जी तोड़ प्रयास कर रहे हैं। बताते हैं कि कटारा ने इन चुनावों को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। अपनी झोली पूरी खोल रखी है। उधर झाला भी अपने पुत्र अभिमन्यु के लिए पैसा खर्च करने में पीछे नहीं हैं।
राहुल गांधी के यूथ कांग्रेस के चुनाव की इस प्रक्रिया से चुने हुए प्रतिनिधि तो आ जाएंगे लेकिन क्या इससे गुटबाजी को और अधिक बढ़ावा नहीं मिलेगा, यह विचारणीय है। उदयपुर लोकसभा अध्यक्ष के लिए जहां देहात कांग्रेस जिलाध्य़क्ष लालसिंह झाला के पुत्र गोगुंदा उपप्रधान अभिमन्यु सिंह झाला एवं रणजीत जैन के बीच मुकाबला है। इनके अलावा हालांकि सात अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं। अभिमन्यु को झाला के साथ सांसद रघुवीर मीणा गुट भी समर्थन दे रहा है वहीं रणजीत के लिए वीरेन्द्र वैष्णव एवं कटारा समर्थक जुटे हुए हैं। हालांकि किसी समय वैष्णव झाला के ही पिछलग्गू माने जाते थे। राजनीति में कोई किसी का मित्र या विरोधी नहीं होता। समय के अनुसार बदलाव होते रहते हैं।
इसी प्रकार प्रदेशाध्यक्ष के लिए उदयपुर से चार उम्मीदवार हैं। इन्हें समर्थन देने वाले गुटों में भी गुटबाजी हो गई है। सज्जन कटारा के पुत्र विवेक कटारा भी उम्मीदवार हैं जिन्हें वैष्णव का समर्थन मिल रहा है। इसी प्रकार रिजवान खान को पहले वैष्णव तथा अब झाला व रघुवीर मीणा गुट का समर्थन मिल रहा है। झाला गुट में अन्य नेता शंकर चंदेल के साथ लगे हैं।
जानकारी के अनुसार एक एक प्रत्याशी करोड़ों रुपए दांव पर लगे हैं। पार्टिंयां हुई, रिसॉर्ट बुक हुए और देर रात तक पार्टियां चलीं। बाड़ाबंदी भी की गई तो समर्थकों का रात्रि जागरण हुआ। युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों को चयनित करके लाने सम्बन्धी राहुल गांधी के इस विजन से किसको कितना फायदा होगा, यह तो समय बताएगा लेकिन एक बात तय है कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में परदे के पीछे रहने वाले नेताओं के भी खुलासे होंगे।
INC has injected corruption in our blood through programs like MNAREGA where people are not willing to work but get money and naturally Sarpanch/panch/pradhan/jilapramukh have all become corrupt . Food security bill will inject second round of coruption by providing virtually free food.Youth congress leaders are utilising this ill gotten wealth in these elections. Industry ( both manufacturing and construction ) are suffering for want of labour availability.
All this is at the cost of nation. We are boyund to sink and even God will not be able to save our contry that is Bharat or India.
Future of youth or of coming generations is bleak.
kpgupta