भटनागर समिति की रिपोर्ट व वित्त विभाग के आदेश
Udaipur. राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की ओर से कृष्णा भटनागर की रिपोर्ट व वित्त विभाग के आदेशों की होली जलाकर सैकड़ों शिक्षकों ने विरोध जताया। इनकार कहना था कि सरकार के आदेशों से अध्यापक वर्ग के वेतन में नई वेतन विसंगतियां उत्पन्न हो गई है। इसके सभी वर्ग के शिक्षकों में भारी रोष होगा।
जिलाध्यक्ष भौमसिंह चुण्डावत के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम के बाद जिलामंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता ने बताया कि सरकार के साथ हुए समझौते एवं चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वायदों को दरकिनार कर सरकार ने मनमाने तरीके से आदेश जारी किये हैं। व्याख्याता, प्रधानाध्यापक/ प्रधानाचार्य की अनदेखी कर फूट डालने का प्रयास किया है। आदेशों में संशोधित पे-ग्रेड 1.1.2006 से लागू करना बताया गया है जबकि स्थिरीकरण पुराने वेतनमानों के आधार पर किया जाएगा। इससे सरकार ने पर्दे के पीछे शिक्षकों के साथ धोखा किया है।
पुराने पे-बेण्ड/पे-ग्रेड पर 1.1.2006 को स्थिरीकरण करने के बाद संशोधित पे-ग्रेड समकक्ष पर करने के आदेश कर सरकार ने शिक्षकों को मिलने वाले बचे-खुचे लाभ से वंचित कर दिया है। आदेश में ए.सी.पी. पे-ग्र्रेड में भी संशोधन किया गया है, लेकिन इसे 1.7.2013 से प्रभावी किया गया यानी इससे पूर्व बिना संशोधन के एसीपी के रूप में पे-ग्रेड मिलती रहेगी। इससे 1.7.2013 को एसीपी का लाभ न के बराबर होगा या पूर्व के अनुरूप ही रहेगा। नये शिक्षकों पर एसीपी समाप्त करने के कारण कोई लाभ नहीं मिलेगा।
इन्हों ने कहा कि आदेश मात्र शिक्षकों को भ्रमित करने वाले है। इससे पुराने व नये शिक्षकों को किसी को भी अपेक्षित लाभ नहीं होने वाला क्योंकि सरकार के पूर्व निर्णय के अनुसार नये शिक्षकों को भविष्य में ए.सी.पी. का कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। कार्यक्रम में भैरूलाल तेली, नरेन्द्र आमेटा, शिवशंकर व्यास, पुष्पेन्द्रसिंह, बसंतीलाल श्रीमाली, महिला मंत्री शाहेदा परवीन काजी आदि कार्यकर्ताओं ने भटनागर समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया।