मदर मिल्क बैंक आज की जरूरत : डॉ. अग्रवाल
Udaipur. आरएनटी मेडिकल कॉलेज के पन्नाधाय राजकीय महिला चिकित्सालय में मां भगवती विकास संस्थान द्वारा स्थापित राज्य के पहले मदर मिल्क बैंक से बाल चिकित्सालय के (NICU) में भर्ती जरूरतमंद नवजात को दिव्य मदर मिल्क बैंक के पहले बैंच कि पहली यूनिट इश्यू की गई।
28 दिन की बेबी ऑफ भूरी 10 दिनों से डॉ. देवेन्द्र सरीन की देखरेख में भर्ती है। शिशु लो-बर्थ वेट है व उसका वजन मात्र 1.5 किलो है। साथ ही वह सेपटिसिया से पीड़ित है। डाक्टर की रिक्वेजेशन स्लिप इश्यू करने पर व परिजन की स्वीकृति जारी करने पर दिव्य मदर मिल्क बैंक द्वारा विधिक्त रूप से 1 यूनिट दूध शिशु को इश्यू किया गया। दूध की सुपुर्दगी बैंक के डॉ. आर के अग्रवाल व बाल चिकित्सालय के यूनिट के हेड डॉ देवेन्द्र सरीन द्वारा शिशु के माता भूरी बाई व पिता दिनेश को की गई।
इंडियन पेडियट्रिक एसोसिएशन ( प्च्।) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अग्रवाल ने कहा कि (NICU) में भर्ती नवजात शिशु जिन्हें मां का दूध नहीं मिल पाता, मदर मिल्क बैंक के माध्यम से उन्हें लाभान्वित किया जा सकता है। इससे शिशु की रिकवरी 40 प्रतिशत तक तेजी से होती है व शिशु के बचने की सम्भावना 6 गुना तक बढ़ जाती है। मदर मिल्क बैंक से शिशु मृत्यु दर को 16 प्रतिशत तक व स्तनपान से 22 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है व कुपोषण पर पूर्ण विजय पाई जा सकती है। डॉ. सरीन ने बताया कि बेबी आफ भूरी बाई को मां का दूध मिलने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जायेगी, जिससे वह इस संक्रमण से निरोग हो जल्दी ही स्वास्य्प्र लाभ प्राप्त करेगा।