महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला का समापन
Udaipur. राजस्था्न विद्यापीठ विश्वंविद्यालय के कुलपरति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं किसी क्षेत्र में शहरी महिलाओं से कम नही है। समाज में व्याप्त अशिक्षा, अंधविश्वास जाति प्रथा पर्दा प्रथा आदि कुरीतियों को दूर करके ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों को रोजगारपरक कार्य उपलब्ध कराकर महिलाओं को समाज में आगे लाना ही महिला सशक्तिकरण का मूल मंत्र है।
वे महिला अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ का प्रारम्भ से महिलाओं को शिक्षा स्वास्थ्य, पर्यावरण, जागरूकता, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, ग्रामीण ग्रहस्थ जीवन के बारे में रोजगारपरक कार्य तथा ग्रहस्थ जीवन में काम आने वाली वस्तु का उचित प्रशिक्षण देना है। विशिष्टर अतिथि महिला अध्ययन विभाग की निदेशक डॉ. मन्जू माण्डोत तथा केन्द्रीकय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक सुधीर वाडिवा थे। मुख्य विषय आंगनवाडी़ कार्यकर्ता महिलाओं की उनके कार्य स्थल पर उनकी भूमिका एंव जिम्मेदारीयों का इस पर सकारात्मक नज़रिया, स्वयं प्रेरणा, समूह कार्य इन विषयों के माध्यम से भूमिका व जिम्मेदारियों का अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यस्थल पर इैमानदारी से लागु करे तो परीवार, गांव, समाज व देश के विकास में बहुत बडी़ जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
महिला सशक्तिकरण आंगनवाडी़ महिलाओं को इस दो दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से कार्यशाला में दिये प्रशिक्षण से उनको इस क्षेत्र में पूर्ण मेहनत , ईमानदारी एंव अपने को प्रदत्त जिम्मेदारी से सही तरह से निभाने पर राष्ट के विकास में अग्रणी भूमिका निभा पायेंगे। आत्मनिर्भर एंव संगठित रहने की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई तथा महिलाओं के अच्छे स्वाथ्य के लिए बताया गया। महिलाओं संगठित रहना एंव बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के बारें में इनको जानकारी दी गई एंव विभिन्न बिमारीयों से बचाव एंव खानपान के सम्बन्ध में तथा महिलाओं के कानून और अधिकारों के बारे में जानकारी कार्यशाला के माध्यम से प्रदान की गई। संचालन चितरंजन नागदा ने किया। धन्यवाद बालकिशन नन्दवाना ने दिया। स्वागत व उदबोधन डॉ. संजीव पुरोहीत व देवीलाल गर्ग ने दिया।