पहले दिन पंडितों ने यजमानों से कराया प्रायश्चित हवन
काली कल्याण धाम में साधु-संतों का आगमन शुरू
Udaipur. मादड़ी स्थित काली कल्याण धाम में चार दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ओर नवकुण्डीय शिवशक्ति महायाग का शुभारंभ संतों-पण्डितों और यजमानों के स्वागत और कुटीर कर्म के साथ शुरू हो गया है।
महंत भीमसिंह चौहान ने महोत्सव में आए यजमानों, संतों का स्वागत किया। इस महायज्ञ में उदयपुर और गुजरात के 10 यजमान बैठे हैं जो चार दिनो तक शिवशक्ति महायाज्ञ में हवन करेंगे। पहले दिन यज्ञाचार्य भगवती प्रसाद जेठाणा के सान्निध्य में 51 पंडितों ने यजमानों को पापों का पश्चाताप करने के लिए प्रायश्चित कर्म कराया। अष्टचशक्ति सहित विष्णु की पूजा की गई। मूर्तियों की न्यूनातिरिक्त दोष निवारण के लिए कुटीर कर्म किया गया। उसके बाद मंत्रोच्चार के साथ यजमानो को हेमाद्री स्नान कराया गया जिसमें सभी यजमानों ने गोबर, गौमूत्र, गंगाजल, गोशाला, हाथीशाला, घुड़शाला समेत औषधि स्नान किया। यजमानों को जनेउ धारण कराकर संकल्प के साथ यज्ञ की दीक्षा दिलाई गई। पहले दिन धाम में जूनागढ़ स्थित आवाहन अखाड़ा के महंत कल्याणपुरी मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान हुए। चार दिवसीय महोत्सव में संतों का आना शुरू हो गया है।
शिवशक्ति महायाज्ञ का महत्व
मंहत भीमसिंह चौहान ने बताया कि नवकुण्डीय शिवशक्ति महायज्ञ का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। उन्होने कहा कि सृष्टि की रचना आद्यशक्ति से हुई है ऐसे में शिव और शक्ति महायज्ञ से सृष्टि को ताकत मिलती है। आसुरी शक्तियों का नाश होता है और मानव जाति का कल्याण होता है। इस माहायज्ञ से कई दोषों का नाश होता है।
पूर्णाहुति में लगेंगे हजारों हाथ
महंत ने बताया कि शिवशक्ति महायाज्ञ में यज्ञ विधि के अनुसार यजमानो को शरीर की पवित्रता कायम रखनी पड़ी है इसके लिए उन्हे हेमाद्रि स्नान कराकर यज्ञ की दीक्षा दी जाती है। यजमानों को जनेउ धारण कराई जाती है और यह संकल्प दिलाया जाता है कि वह यज्ञ पूर्ण होने तक किसी भी परिस्थिति में पूर्णाहुति से पहले यज्ञवेदी नहीं छोड़ेंगे। महंत ने बताया कि इस महायज्ञ में आम भक्तजन नारियल की पूर्णाहुति करने और और आरती में अपनी भागीदारी निभाकर यज्ञ का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
महायाग कल से
चार दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन 18 मई शनिवार को पूजन के बाद वर्धनी, मण्डप प्रवेश, महान्यास, गृहमक, शिव शक्ति याग प्रारंभ, जलाधिवास धान्याधिवास, सांध्य कर्म और महायाज्ञ होगा। महोत्सव में 19 मई को कलश यात्रा 20 मई को सुबह धर्मसभा के बाद दोपहर बाद नर्बदेश्वर महादेव की शिवपरिवार के साथ ओर कष्टभंजन हनुमानजी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस महोत्सव में मेवाड़ वागड़, गुजरात और देशभर से साधु संत और करीब आठ दस हजार भक्तजन भाग लेगे। महोत्सव में भक्तों का आना शुरू हो गया है।