काली कल्याण धाम मे जुटे हजारों भक्त
जयकारों के बीच हुई शिव परिवार और हनुमानजी की प्रतिष्ठा
Udaipur. मादड़ी स्थित काली कल्याण धाम में चल रहे चार दिवसीय शिवशक्ति महायाग, शतचंडी पाठ की पूर्णाहुति के साथ शिव परिवार और हनुमानजी की प्राण प्रतिष्ठा की गई। महोत्सव में मेवाड़ वागड़ गुजरात समेत देशभर से साधु संतो और श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
आचार्यों के सानिध्य में मंत्रोच्चार और जयकारों के बीच सबसे पहले भैरव मंदिर पर कलश और ध्वजादण्ड चढ़ाया गया। उसके बाद कष्टभंजन हनुमानजी महाराज की 12 क्विंटल वजनी और 51 इंच उंची प्रतिमा की प्रतिष्ठा की गई। सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में नर्बदेश्वर महादेव की शिव परिवार सहित शिवमंदिर में प्रतिष्ठा की गई। इसी मंदिर में पारे का शिवलिंग भी विराजित किया गया। मंदिर के शिखर पर कलश और ध्वजादंड चढ़ाया गया। महंत भीमसिंह चौहान के सानिध्य में कलश, मूर्ति स्थापना, ध्वजादण्ड चढ़ाने की भक्तों ने बढ़-चढ़कर बोलियां लगाई और स्थापना का फल प्राप्त किया। शिव परिवार के साथ दास हनुमान की प्रतिमा भी विराजित की गई। प्रतिष्ठा के समय जयकारों से पूरा मादड़ी धाम छोटी काशी के रूप में गुंजायमान हो गया। इसके बाद पूर्णाहुति हुई जिसमें हजारों भक्तों ने पूर्णाहुति में आहूति देकर यज्ञ का लाभ पाया। पूर्णाहुति के बाद महाप्रसादी का आयोजन रखा गया जिसमें हजारों भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।
धर्मसभा में संतों ने दिए प्रवचन
प्रतिष्ठा से पूर्व धर्मसभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता ज्योतिषाचार्य बीएन संस्थान के पूर्व एमडी मनोहरसिंह कृष्णावत और मुख्य अतिथि साबरमती हनुमान टेकरी आश्रम मोटेरा के महंत प्रेमदासजी महाराज थे। सभा में अतिथि के रूप में ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा, महापौर रजनी डांगी, पार्षद फूलसिंह मीणा, आलोक संस्थान के निदेशक प्रदीप कुमावत, इलाहबाद निरंजनी अखाड़ा के मंहत नरेन्द्रगिरी, खाकी श्री मानस मंदिर ट्रस्ट इंदोर के महंत मंगलदास महाराज,शारणेश्वर मंदिर डूंगरपुर के मंहत फतहगिरी महाराज, जूनागढ़ के कल्याणपुरी महाराज एवं हारिज गुजरात के मंहत घनश्यामभाई प्रजापति, सूरजपोल हनुमान मंदिर के महंत सुरेश गिरी समेत कई साधु संतों ने भाग लिया और श्रद्धालुओं को धर्म के प्रचार प्रसार और धर्म की रक्षा पर प्रवचन दिया।
संतों को विदाई
महंत भीमसिंह चौहान ने माहायाग की पूर्णाहुति पर इस महोत्सव में पधारे संतो, मठाधिशों, यज्ञाचार्यो, ब्राम्हणों और कल्लाजी के सेवकों को चादर, साफा, माला, श्रीफल और दक्षिणा भेंट देकर विदाई दी। चार दिवसीय महोत्सव में सेवाएं देने वाले मेवाड़ वागड़ और गुजरात के कल्याण भक्तों को महंत ने अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया। संचालन राजेन्द्र सेन ने किया। महायज्ञ में पधारे सभी भक्तों संतों और पंडितों, यजमानों का महोत्सव के अध्यक्ष मानवेन्द्रसिंह पदमपुरा ने आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद प्रकट किया।