Udaipur. हालांकि राजीव गांधी डिजीटल विद्यार्थी योजना के तहत विद्यार्थियों को मिले छह हजार के बदले आधी रकम के दिए गए चाइनीज टेबलेट में कमीशनखोरी का खुलासा हो गया, उन पर कार्रवाई भी हो गई लेकिन इस बीच फंसे विद्यार्थियों का क्या होगा, इस पर किसी का ध्यान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने आठवीं में उत्तीपर्ण प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को टेबलेट के लिए छह छह हजार के चेक वितरित किए थे। मावली ब्लॉक के तीन स्कूलों में मध्यस्थता करते हुए अध्यापकों और विद्यार्थी मित्र ने अभिभावकों से नकद राशि लेकर चाइनीज टेबलेट दिलवा दिए। पता चलने पर सम्बन्धित अधिकारी ने तीन शिक्षकों को निलंबित कर एक विद्यार्थी मित्र को हटा दिया।
ताज्जुब की बात यह कि अब तक इसमें बच्चों के बारे में कोई नहीं सोच रहा है कि उनका क्या होगा। उन्हें मिला चाइनीज टेबलेट न तो ढंग से चलता है और न ही उसमें अधिक फंक्शंस हैं। क्या विद्यार्थियों को राशि का पूरा भुगतान वापस मिल पाएगा जो कि शिक्षकों ने कमीशन के रूप में अपनी जेब में रख लिया था।