udaipur. तीन दिन बाद 1 जुन को रात्रि 7.30 बजे टाउन हॉल प्रांगण में होने वाली सातवी वार्षिक खाटू श्याम भजन संध्या को भव्यतम एवं यादगार बनाने हेतु विशाल मंच अब आकार लेने लगा है। मंच निर्माण हेतु 6 ट्रक मंच निर्माण सामग्री मूर्तिया एवं झांकियां यहां पहुंच चुकी है। जिससे मंच निर्माण कार्य तेजी पर है।
श्याम भक्त नारायण अग्रवाल ने बताया कि बहुमंजिला मंदिर नुमा मंच के शिखर पर गणेश, श्याम तथा सालासर हनुमान अंकित ध्वज पताकाएं लहरायेगी । मंच निर्माण हेतु तीन हजार पांच सौ के लगभग पाईप, बांस-बल्लियां, 200 के लगभग प्लाईवुड, एक हजार किलो नारियल की रस्सी 150 के लगभग तख्तों का इस्तेमाल किया जायेगा।
अस्सी फीट लम्बे, चालीस फीट चौडे तथा इकसठ फीट उंचे मंच पर प्रथम तल 12 फीट उंचा होगा । जिस पर अखण्ड ज्योत दरबार सजाया जायेगा । भक्तगण एक ओर से रेम्प पर चढकर दूसरी ओर उतरेगें। द्वितीय तल 22 फीट उपर होगा जहां ’’श्याम दरबार’’ सजाया जायेगा जिसके दांयी ओर गणेश एवं हनुमान जी की तथा बांयी ओर राधा-कृष्ण एवं शिव-पार्वती की मूर्तियो से सज्जित चार अन्य मंदिर बनेगें । इनके समक्ष छप्पन भोग महाप्रसाद सजाया जायेगा । तृतीय तल (मंजिल) 31 फीट उपर होगा जहां पुनः नौ गोखडे युक्त मंदिर होगें जिसमें अनेक देवता की झांकिया होगी। मंच के नीचे आर्केस्ट्रा कलाकारों के लिये 80 फीट लम्बी, 4 फीट चौडी गैलेरी होगी। मंच के सामने भजन गायकों के लिये 80 फीट लम्बा, 4 फीट चौडा तथा 10 फीट उंचा रेम्प होगा । रेम्प के अन्त में पुनः 20 फीट गुणा 20 फीट का मंच होगा जिस पर गायक नाचते, गाते, झुमते दर्शको के बीच पहुंचेंगे।
’प्रभु श्याम के शीश’ के श्रृंगार के लिये कोलकाता, अहमदाबाद हवाई मार्ग से देश, विदेश से ताजा पुष्प एवं श्रृंगार सामग्री कल आने वाली है जिसे कोलकाता के श्रृंगार शिल्पियों का दल उत्तम भाई के निर्देशन में सजायेगा। ’श्याम रथ’ द्वारा मेवाड के अनेक नगरो में प्रभु श्याम का गुण गान एवं प्रचार किया जा रहा है । श्री बंशीलाल बत्रा द्वारा गत 25 दिनों से सेवायें दी जा रही है। बीकानेर से आये 11 प्रतिष्ठित कुशल कारीगारों द्वारा ’’गोरधन छप्पन भोग’’ महाप्रसाद का निर्माण कार्य तेजी पर है । जिसे ये 1 जुन की शाम तक तैयार करेंगे। श्याम भजन संध्या रीत अनुसार पांडाल में जते, मोजे, बेल्ट, खोलकर जाने हेतु चरण पादुका कक्ष लगाया जायेगा, इस हेतु नई दिल्ली से अपनी अद्भुत, अमूल्य एवं अविस्मरणीय सेवायें देने हेतु ’’सांवरिया सेठ के चरण चाकर’’ के 15 से भी अधिक धनाढ्य वर्ग के श्याम भक्त आ रहे है।