प्रतिपक्ष ने बोर्ड बैठक स्थथगन को अवैध बताया, कलक्टरर को दिया ज्ञापन
Udaipur. नगर निगम की गुरुवार को प्रस्तावित बोर्ड की बैठक को महापौर के कथित अस्वस्थता के कारण स्थगन को प्रतिपक्ष कांग्रेस ने अवैध बताते हुए इसे भाजपा पार्षदों की आपसी फूट बताते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया।
उल्लेखनीय है कि 30 मई को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में समितियों का पुनर्गठन किया जाना था लेकिन कटारिया गुट की महापौर एवं विरोधी गुट के उपमहापौर व अन्या पार्षदों में आपसी सहमति नहीं बन पाई। जानकारों के अनुसार विरोधी गुट ने प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे को वस्तुस्थिति का हवाला दिया था जिस पर उन्होंटने बैठक स्थपगित करने का आदेश दिया। इसके बाद महापौर ने स्वियं की अस्वस्थता बताते हुए बैठक स्थगित कर दी। प्रतिपक्ष की प्रवक्ता काजल आदिवाल ने बताया कि प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली के नेतृत्व में पार्षदों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि नगर पालिका अधिनियम के अन्तर्गत साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए बैठक स्थगन का निर्णय अवैध है। ज्ञापन में बताया गया कि 30 मई 2013 को आयोजित होने वाली बैठक में नगर निगम उदयपुर की विभिन्न समितियों के पुनर्गठन के साथ उदयपुर शहर के विकास के कई मुद्दों पर चर्चा की जानी थी, लेकिन भाजपा बोर्ड के आपसी कलह एवं फूट के कारण होने वाली इस बोर्ड बैठक को अनुचित एवं अवैध रूप से स्थगित करने का निर्णय थोपा जा रहा है।
ज्ञापन में बताया गया कि बोर्ड बैठक में उदयपुर शहर में अवैध निर्माण, अतिक्रमण, अवैध होर्डिंग, सिटी बसों का संचालन, सामुदायिक भवनों एवं उद्यानों का रख रखाव, शहर की सफाई एवं झीलों की सफाई, स्टेट ग्रांट योजना के तहत पट्टे देने में भी कई तरह की धांधलियां एवं शर्तें लगा कर आम जनता को पट्टे देने में अड़चनें पैदा करने, नगर निगम उदयपुर का भाजपा बोर्ड कई तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त हो निर्माण कार्य एवं विकास कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार कार्य नहीं होने, मौजूदा एम्पावर्ड कमेटी द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर नियमों की अवहेलना करते हुए अपने राजनैतिक चहेतों एवं रसूखदारों को लाभान्वित करने, नगर निगम उदयपुर में सूचना के अधिकार के तहत मांगी जाने वाली सूचनाएं भी समय पर उपलब्ध नहीं करवा कानून की धज्जियां उड़ाने आदि मुद्दों पर प्रतिपक्ष ने बोर्ड को घेरने की तैयारी की थी, लेकिन अवैध रूप से बोर्ड बैठक स्थगित कर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है। प्रतिनिधिमण्डल से जिला कलक्टर विकास भाले ने वार्ता करते हुए निगम के आयुक्त एस. एन. आचार्य को अपने कार्यालय बुलाया और उनसे चर्चा करते हुए उदयपुर शहर के विकास कार्य प्रभावित होने से तत्काल कमेटियों का गठन करने के लिए उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। प्रतिनिधिमण्डल में राजेश सिंघवी, मनीष श्रीमाली, डॉ. अब्दुल सलाम, मोहम्मद अयूब, मुस्लिम अली बंदूकवाला, राजेश जैन, नफीसा शेख, प्रतिभा राजोरा, ज्योति टांक, लोकेश गौड़, बाबूलाल घावरी, भरत आमेटा, कैलाश साहू, शिप्रा उपाध्याय शामिल थे।