Udaipur. ओजस्वी प्रवचनकर्ता जैन मुनि विमल सागर के खिलाफ पालीताणा में मामला दर्ज कराने को लेकर समग्र साधु एवं जैन समाज में आक्रोश है।
उल्ले खनीय है कि पालीताणा स्थित यात्री भवन में मुनि विमल सागर एवं मुनि पद्म विमल सागर की निश्रा में नवाणु की यात्रा कर रहे थे। इसमें शत्रुंजयगिरी पर 108 बार चढऩा-उतरना होता है। जब ये ऊपर गए तो वहां पुजारी द्वारा भगवान के रथ की बोली में कथित रूप से धांधली करने पर बच्चों ने टोका तो आसपास के पुजारी एकत्र हो गए और बच्चों से अभद्र व्यधवहार किया। दोनों पक्षों में हंगामा हुआ। बताया गया कि सुरक्षाकर्मियों ने बच्चों पर बंदूक तक तान दी जिससे अराजकता छा गई। पुजारियों ने पहाड़ स्थित मंदिर के दरवाजे भी बंद कर दिए। पुलिस को सूचना देने पर वह भी मौके पर नहीं पहुंची। गांधीनगर सूचना देने पर भावनगर से पुलिस दल पहुंचा। मिलीभगत करने पर पालीताणा के पुलिस इंस्पेक्टर को भी लाइन हाजिर कर दिया। दोनों पक्षों की ओर से संबंधित थाने में मामला दर्ज कराया। आनंद जी कल्याण जी पेढ़ी की ओर से पुजारियों के पक्ष में दर्ज कराई एफ.आई.आर. में मुनि विमल सागर का नाम डालने पर जैन समाज में आक्रोश है। समग्र साधु समाज ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए गहरा रोष व्यक्त किया। यही नहीं पूरे देश के जैन संघों ने भी इस घटनाक्रम की निंदा की। उदयपुर में श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ, जैन श्वेताम्बर महासभा, पद्मनाथ स्वामी ट्रस्ट, श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ थोब की बाड़ी सहित समाज के अग्रणी संगठनों ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।